क्यों नंदीग्राम में ममता के खिलाफ लड़ाई शुभेंदू अधिकारी के जीवन का सबसे बड़ा टेस्ट

शुभेंदु अधिकारी. (File Pic)
शुभेंदू (Suvendu Adhikari) को इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से बड़ा प्लेयर माना जा रहा है. और शायद यही वजह है पूर्वी मिदनापुर के इलाके में शुभेंदू अधिकारी के प्रभाव को सीधा चैलेंज देने के लिए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने यह सीट चुनी है. ममता की घोषणा के बाद इस सीट पर चुनाव शुभेंदू अधिकारी के राजनीतिक जीवन का सबसे कठिन टेस्ट साबित होने वाला है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 19, 2021, 9:08 PM IST
कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आगामी विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से लड़ने की रणनीतिक घोषणा की है. दिलचस्प है कि इसी सीट से चुनकर आते हैं टीएमसी से बीजेपी में पहुंचे शुभेंदू अधिकारी (Suvendu Adhikari). शुभेंदू को इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से बड़ा प्लेयर माना जा रहा है. और शायद यही वजह है पूर्वी मिदनापुर के इलाके में शुभेंदू अधिकारी के प्रभाव को सीधा चैलेंज देने के लिए ममता बनर्जी ने यह सीट चुनी है. लेकिन ममता की घोषणा के बाद इस सीट पर चुनाव शुभेंदू अधिकारी के राजनीतिक जीवन का सबसे कठिन टेस्ट साबित होने वाला है.
शुभेंदू ने दिया ममता बनर्जी जवाब
इस पर शुभेंदू अधिकारी ने कहा है कि ममता बनर्जी को हराएंगे या राजनीति से संन्यास ले लेंगे. उन्होंने कहा, 'वह (ममता बनर्जी) नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. उन्हें 'पूर्व सीएम' शब्द के साथ एक लेटर पैड तैयार करवाना चाहिए.'
क्या हैं शुभेंदू के सामने मुश्किलेंहालांकि राजनीतिक एक्सपर्ट्स की राय है कि शुभेंदू अधिकारी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी नेता रहते खराब प्रदर्शन का दबाव भी है. जिस इलाके में शुभेंदू अधिकारी को जन नेता बताया जाता है, उस इलाके में 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 13 में से 9 सीटों पर हार मिली थी. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में 19 सीटें जीतकर राजनीतिक पंडितों को भी आश्चर्य में डाल दिया था.
कैसे पार पाएंगे शुभेंदू अधिकारी
अब विधानसभा चुनाव में शुभेंदू पर न सिर्फ अपनी सीट बल्कि आस-पास की सीटों पर बीजेपी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी होगी. ये भी याद रखने वाली बात है कि नंदीग्राम ममता बनर्जी की राजनीति का रणनीतिक केंद्र रहा है. ये नंदीग्राम में हुए प्रदर्शन ही थे जिन्होंने ममता बनर्जी को राज्य की गद्दी तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी. अब ममता खुद नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं. ऐसे में देखना होगा कि शुभेंदू अपने ताजा दावों को कितना सही साबित कर पाते हैं.
(सुजीत नाथ की स्टोरी से इनपुट्स के साथ.)
शुभेंदू ने दिया ममता बनर्जी जवाब
इस पर शुभेंदू अधिकारी ने कहा है कि ममता बनर्जी को हराएंगे या राजनीति से संन्यास ले लेंगे. उन्होंने कहा, 'वह (ममता बनर्जी) नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. उन्हें 'पूर्व सीएम' शब्द के साथ एक लेटर पैड तैयार करवाना चाहिए.'
क्या हैं शुभेंदू के सामने मुश्किलेंहालांकि राजनीतिक एक्सपर्ट्स की राय है कि शुभेंदू अधिकारी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी नेता रहते खराब प्रदर्शन का दबाव भी है. जिस इलाके में शुभेंदू अधिकारी को जन नेता बताया जाता है, उस इलाके में 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 13 में से 9 सीटों पर हार मिली थी. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में 19 सीटें जीतकर राजनीतिक पंडितों को भी आश्चर्य में डाल दिया था.
कैसे पार पाएंगे शुभेंदू अधिकारी
अब विधानसभा चुनाव में शुभेंदू पर न सिर्फ अपनी सीट बल्कि आस-पास की सीटों पर बीजेपी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी होगी. ये भी याद रखने वाली बात है कि नंदीग्राम ममता बनर्जी की राजनीति का रणनीतिक केंद्र रहा है. ये नंदीग्राम में हुए प्रदर्शन ही थे जिन्होंने ममता बनर्जी को राज्य की गद्दी तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी. अब ममता खुद नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं. ऐसे में देखना होगा कि शुभेंदू अपने ताजा दावों को कितना सही साबित कर पाते हैं.
(सुजीत नाथ की स्टोरी से इनपुट्स के साथ.)