बढ़ते महंगाई और भूमि-मुआवजा रेट में वृद्धि के कारण मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजक्ट की लागत में बढ़ोतरी हुई है. (फाइल फोटो)
मुंबई. मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ने वाली देश की पहली “हाई-स्पीड रेल” या ‘बुलेट ट्रेन’ की लागत 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है. जबकि अभी लागत में जीएसटी को बाहर रखा गया है. हाल में हीं एक रिपोर्ट में बताया गया कि 2015 में लागत का अनुमान 1.08 लाख करोड़ रुपये लगाया गया था. ऐसा भी माना जाता है कि प्रोजेक्ट में हो रहे विलंब से भी लागत बढ़ गयी है. रिपोर्ट की मानें तो बुलेट प्रोजेक्ट योजना में देरी के दो कारण हैं- पहला कोविड-19 और दूसरा भूमि-अधिग्रहण.
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने कहा कि संशोधित लागत सभी अनुबंधों और भूमि अधिग्रहण के पूरा होने के बाद ही निर्धारित की जा सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि लागत की कीमतों में वृद्धि भूमि अधिग्रहण पर बढ़े हुए खर्च, सीमेंट, स्टील और अन्य कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि है.
बुलेट ट्रेन परियोजना से संबंधित मुद्दों को समझने के लिए, News18 ने भारतीय रेलवे सेवा के पूर्व अधिकारी और मैकेनिकल इंजीनियर्स संस्थान के भारतीय अध्याय के रेल डिवीजन के अध्यक्ष ललित चंद्र त्रिवेदी से संपर्क किया. बकौल त्रिवेदी, लागत में वृद्धि का मुख्य कारण भूमि-अधिग्रहण और तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार का मंजूरी देने में लेट-लतीफी भी है. उनका मानना है कि नई सरकार में प्रोजेक्ट को ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि मुंबई-अहमदाबाद रेल खंड 2028 तक पूरा हो जाएगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने NHSRCL प्रोजेक्ट में तेजी लाने वाली सभी मांगों को मंजूरी दे दी है. साथ ही साथ उन्होंने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों को हल किया है और पहले चरण की वन मंजूरी दी है. सूत्रों के अनुसार वर्तमान सरकार इस साल सितंबर तक एक सुरंग शाफ्ट और भूमिगत स्टेशन के लिए संपत्ति के हस्तांतरण के विवादों को निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है और चरण-2 के लिए वन मंजूरी एक समय तक पूरा होने की भी उम्मीद है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बताया कि 2015 में स्वीकृत बहुप्रतीक्षित परियोजना को वर्तमान सरकार ने मंजूरी दे दी है.
रिपोर्टों के अनुसार, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार में आवश्यक 298 हेक्टेयर में से केवल 150 हेक्टेयर ही इस अप्रैल तक प्राप्त किया गया था. लेकिन नई सरकार सरकार के 30 जून को कार्यालय में प्रवेश करने के बाद महाराष्ट्र भूमि खरीद प्रक्रिया में काफी तेजी लाई है.
रिपोर्ट के अनुसार मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल के निर्माण के लिए ऋण की तीसरी क़िस्त के लिए, जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) और केंद्र ने एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ऋण की राशि लगभग 6,000 करोड़ रुपये या 100 अरब जापानी येन है. ये समझौता 2017 भारत सरकार और JICA के 18,000 करोड़ के समझौते के तहत हुआ है. ये ऋण समझौता प्रोजेक्ट को गति प्रदान करेगा.
भारतीय अध्याय के रेल डिवीजन के अध्यक्ष ललित चंद्र त्रिवेदी ने News18 को बताया अंतरराष्ट्रीय बाजार में विदेशी मुद्रा उतार-चढ़ाव से भी योजना की लागत प्रभावित हुई है. उन्होंने बताया कि भूमि-लागत मुआवजे में 2014 से चार गुना वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि विश्व की 70,000 किमी हाई-स्पीड रेलवे में भारत का हिस्सा शून्य है. पड़ोसी देश का उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि चीन अब तक 40,000 किमी हाई-स्पीड रेल खंड बना चुका है. जबकि भारत को अभी इस क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है.
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Tags: Bullet Train Project, Maharashtra
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