नई दिल्ली. जब यूक्रेन पर रूस ने हमला किया तो उस दौरान वहां भारत के सबसे ज्यादा छात्र फंसे थे. खास बात यह है कि ये सारे छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए थे. क्योंकि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई भारत की तुलना में काफी सस्ती पड़ती है. इसी तरह ये भी देखा गया है कि विदेशों में पढ़ने के बाद छात्रों के पास नौकरी के अवसर ज्यादा रहते हैं. इन सब बातों के चलते छात्रों के मन में हमेशा विदेश में जाकर पढ़ने का उत्साह रहता है. हालांकि बीते दो सालों से कोरोना की वजह से विदेशों में छात्र दाखिला नहीं ले पाए थे. लेकिन एक बार फिर से छात्रों की शिक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय दरवाजे खुल गए हैं.
विदेशों में भी कुछ देश ऐसे हैं जहां पर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या बाकी देशों की तुलना में कहीं अधिक होती है. कनाडा भी उन्हीं में शामिल है. यहां पर मौजूद आधुनिक सुविधा, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, शोध की सुविधा, बहुसांस्कृतिक कक्षाएं और शिक्षा के किफायती होने के साथ साथ पढ़ाई पूरी होते ही नौकरी के ज्यादा अवसर मिलने की वजह से दुनिया भर के छात्र वहां पर जाकर पढ़ाई करने का मन बनाते हैं. 2019 के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) के डाटा के मुताबिक कोरोना महामारी के पहले यहां पर करीब 638380 छात्रों ने स्टूडेंट परमिट लिया था. अब 2021 में जब अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं फिर से खोल दी गईं तो 2021 में करीब 621,565 छात्रो को स्टूडेंट परमिट दिया गया. अगर भारत के बारे में बात की जाए तो यहां से जाने वाले छात्रों का आंकड़ा सबसे ज्यादा होता है. 2021 में करीब 217,410 छात्रों को पढ़ाई के लिए कनाडा में अनुमित दी गई थी.
कनाडा में ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स के अलावा डिप्लोमा और लघु अवधि के सर्टिफिकेट कोर्स (क्षेत्र विशेष से संबंद्ध) भी कराए जाते हैं. लेकिन यहां पर पढ़ने का मन बनाने से पहले दिमाग में एक ही सवाल पैदा होता है कि कनाडा में पढ़ाई का खर्च कितना आता है. अगर शुरू से समझें तो सबसे पहले नंबर एप्लीकेशन फीस का आता है. यहां पर मौजूद हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में दाखिले से पहले एप्लीकेशन जमा करने के एवज में फीस लगती है. यह फीस यूनिवर्सिटी या कॉलेज पर निर्भर करती है और 3000-15000 रुपये के बीच में कुछ भी हो सकती है. आमतौर पर छात्र अपने दाखिले को सुनिश्चित करने के लिए एक से अधिक जगह पर एप्लीकेशन देते हैं.
कॉमन एंट्रेस टेस्ट और फीस
इसके बाद टेस्ट का नंबर आता है. कनाडा के कॉलेज में दाखिला लेने से पहले प्रवेश परीक्षा से गुजरना होता है. इनमें सबसे जरूरी परीक्षा अंग्रेजी भाषा की है. इसके लिए कुछ विशेष तरह की प्रवेश परीक्षा जैसे TOEFL या IELTS देनी होती है. इसी तरह कुछ और प्रवेश परीक्षाओं के जरिए यहां पर दाखिला दिया जाता है, जिनमें GRE या GMAT होती है. ये परीक्ष स्नातक स्तर के कोर्स में दाखिले के लिए ली जाती है. इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को 9000-15000 रुपये के बीच खर्च करना होता है.
विदेश में करना चाहते हैं पढ़ाई तो कनाडा है बेहतर विकल्प, जानिए क्या हैं नियम
वीजा और ट्यूशन फीस
दाखिला हो जाने के बाद कनाडा अपने यहां आने के लिए स्टूडेंट वीजा जारी करता है. जिसके लिए छात्रों को करीब 9100 रुपये का भुगतान करना होता है. वहीं जिस कॉलेज में छात्र का दाखिला हुआ है, वहां के हिसाब से ट्यूशन फीस अलग-अलग हो सकती है. जो कोर्स और कॉलेज पर निर्भर करती है. इसका खर्च करीब 5 लाख से 30 लाख रुपये के बीच बैठता है.
रहने का खर्च
सबसे जरूरी बात रहने का खर्च होता है. ये भी इस बात पर निर्भर करता है कि कॉलेज किस शहर में है और आप किस तरह रहना चाहते हैं. उस हिसाब से अगर एक अनुमान लगाया जाए तो यह खर्च करीब 7 लाख से 10 लाख रुपये सालाना के बीच बैठता है. हालांकि कनाडा में छात्रों को पढ़ाई पूरी होने के बाद तीन साल तक काम करने का मौका मिलता है. यही नहीं छात्र पढ़ाई के दौरान भी काम करके अपना खर्चा निकाल सकते हैं. आजकल बहुत से बैंक छात्रों को पढ़ाई के लिए आसानी से लोन उपलब्ध करा देते हैं. ऐसे में छात्रों का विदेश जाकर पढ़ना और भी आसान हो गया है. तो अगर आप भी विदेश जाकर पढ़ने का मन बना रहे हैं तो इस हिसाब से अपना बजट तैयार कर सकते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Abroad Education, Canada, COVID-19 pandemic, Students