संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
News18Hindi Updated: November 18, 2019, 5:40 AM IST

आज (18 नवंबर) से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है.
वर्तमान समय में ऐसे 43 विधेयक हैं, जिनको संसद (parliament)से पास होना है. इस सत्र में मोदी सरकार की विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराना प्रमुख एजेंडा होगा.
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- Last Updated: November 18, 2019, 5:40 AM IST
नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) सोमवार (18 नवंबर) से शुरू हो रहा है. इस बार के संसदीय सत्र में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और नागरिकता संशोधन (Citizenship Amendment Act) सहित कई मुद्दों पर गरमा गरम बहस होने की संभावना है. साथ ही आर्थिक मंदी और बढ़ती बेरोजगारी पर भी बहस हो सकती है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विपक्षी दलों को सभी मुद्दों पर चर्चा करने का आश्वासन दिया है.
गौरतलब है कि वर्तमान समय में ऐसे 43 विधेयक हैं, जिनको संसद से पास होना है. इस सत्र में मोदी सरकार की विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराना प्रमुख एजेंडा होगा. वहीं ऐसा माना जा रहा है कि विपक्ष आर्थिक मंदी, जेएनयू में फीस बृद्धि, जम्मू-कश्मीर में नेताओं की हिरासत जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी.

नागरिकता संशोधन विधेयकसरकार ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को इस सत्र में पारित कराने के लिये सूचीबद्ध किया है, जिसका उद्देश्य पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को राष्ट्रीयता प्रदान करना है. गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह कई सभाओं में नागरिकता कानून में संशोधन की चर्चा कर चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस मसले को संसद से पारित करने का प्रयास करेगी.
हालांकि मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इस विधेयक को पारित करने का प्रयास किया था. नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016, को 19 जुलाई 2016 को लोकसभा में पेश किया गया था. इस कानून के विरोध में सबसे मुखर आवाज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रही है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लागू करने से इनकार कर दिया है.
बता दें कि विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध एवं पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है. सरकार द्वारा असम में लागू एनआरसी काफी विवादित रहा है. जिसका असम एवं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में बहुत विरोध हो रहा है.व्यक्तिगत डेटा संरक्षण न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण रिपोर्ट पर आधारित
सरकार के महत्वपूर्ण विधेयक में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम भी शामिल है. जिसमें कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा उपभोग्ताओं के डेटा की सुरक्षित रखरखाव होता है. यह विधेयक न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण द्वारा सुझाये गए रिपोर्ट पर आधारित है. ट्रांसजेंडर अधिकार का संरक्षण विधेयक 2019 को इस साल जुलाई में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था.
ट्रांसजेंडर अधिकार का संरक्षण विधेयक 5 अगस्त को ही लोकसभा से पास कर दिया गया था. लेकिन यह विधेयक राज्यसभा में लटक गया. दरअसल यह विधेयक एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परिभाषित करता है. इसमें ट्रांस-पुरुष और ट्रांस-महिलाएं, इंटरसेक्स के बदलाव वाले व्यक्ति शामिल हैं.

ट्रांसजेंडर अधिकार का संरक्षण विधेयक
विधेयक में ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ होने वाले भेदभाव पर रोकथाम के अलावा उनके शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और दूसरों के बीच निवास करने के अधिकार को शामिल किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का निषेध विधेयक 2019 में इसके उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का निषेध विधेयक 2019
कोई भी व्यक्ति जो इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे एक वर्ष तक के कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा का होगी. इस विधेयक के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को ई-सिगरेट के स्टॉक के भंडारण के लिए किसी भी जगह का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. अगर कोई भी व्यक्ति ई-सिगरेट का कोई स्टॉक रखता है, तो उसे छह महीने तक की कैद या 50,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकता है.
अन्य महत्वपूर्ण विधेयक
इसके अलावा संसद में पेश होने वाले अन्य अन्य महत्वपूर्ण बिल हैं- औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक 2019. जिसमें ट्रेड यूनियनों अधिनियम 1926, औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम 1946 और औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 को संशोधित करता है. अध्यादेश को बदलने के लिए कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2019 का बिल संसद में लाया जाएगा.
कंपनी (दूसरा संशोधन) विधेयक 2019, जिसमें अपराधों को कम करने और व्यापार करने में आसानी की सुविधा के लिए कंपनी अधिनियम 2013 में संशोधन करना शामिल किया गया है. चिट फंड्स (संशोधन) विधेयक 2019.
भारतीय चिकित्सा पद्धति विधेयक
भारतीय चिकित्सा पद्धति विधेयक, 2019 के लिए राष्ट्रीय आयोग हैं. जो भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम 1970 को निरस्त करता है और भारतीय चिकित्सा पद्धति की शिक्षा और व्यवहार को विनियमित करने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना करता है. इसे 7 जनवरी 2019 को राज्यसभा में पेश किया गया था.
इसमें सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019 भी शामिल है. जिसमें वाणिज्यिक सरोगेसी पर प्रतिबंध का प्रावधान किया गया है. जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 का बिल संसद में लाया जा सकता है. इस विधेयक के जरिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष को एक ट्रस्टी के रूप हटाने का प्रावधान है और नामित सदस्यों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को अधिकार देता है.
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गौरतलब है कि वर्तमान समय में ऐसे 43 विधेयक हैं, जिनको संसद से पास होना है. इस सत्र में मोदी सरकार की विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराना प्रमुख एजेंडा होगा. वहीं ऐसा माना जा रहा है कि विपक्ष आर्थिक मंदी, जेएनयू में फीस बृद्धि, जम्मू-कश्मीर में नेताओं की हिरासत जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी.

वर्तमान समय में ऐसे 43 विधेयक हैं, जिनको संसद से पास होना है.
नागरिकता संशोधन विधेयकसरकार ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को इस सत्र में पारित कराने के लिये सूचीबद्ध किया है, जिसका उद्देश्य पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को राष्ट्रीयता प्रदान करना है. गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह कई सभाओं में नागरिकता कानून में संशोधन की चर्चा कर चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस मसले को संसद से पारित करने का प्रयास करेगी.
हालांकि मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इस विधेयक को पारित करने का प्रयास किया था. नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016, को 19 जुलाई 2016 को लोकसभा में पेश किया गया था. इस कानून के विरोध में सबसे मुखर आवाज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रही है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लागू करने से इनकार कर दिया है.
बता दें कि विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध एवं पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है. सरकार द्वारा असम में लागू एनआरसी काफी विवादित रहा है. जिसका असम एवं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में बहुत विरोध हो रहा है.व्यक्तिगत डेटा संरक्षण न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण रिपोर्ट पर आधारित
सरकार के महत्वपूर्ण विधेयक में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम भी शामिल है. जिसमें कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा उपभोग्ताओं के डेटा की सुरक्षित रखरखाव होता है. यह विधेयक न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण द्वारा सुझाये गए रिपोर्ट पर आधारित है. ट्रांसजेंडर अधिकार का संरक्षण विधेयक 2019 को इस साल जुलाई में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था.
ट्रांसजेंडर अधिकार का संरक्षण विधेयक 5 अगस्त को ही लोकसभा से पास कर दिया गया था. लेकिन यह विधेयक राज्यसभा में लटक गया. दरअसल यह विधेयक एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परिभाषित करता है. इसमें ट्रांस-पुरुष और ट्रांस-महिलाएं, इंटरसेक्स के बदलाव वाले व्यक्ति शामिल हैं.

ट्रांसजेंडर अधिकार का संरक्षण विधेयक 5 अगस्त को ही लोकसभा से पास कर दिया गया था.
ट्रांसजेंडर अधिकार का संरक्षण विधेयक
विधेयक में ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ होने वाले भेदभाव पर रोकथाम के अलावा उनके शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और दूसरों के बीच निवास करने के अधिकार को शामिल किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का निषेध विधेयक 2019 में इसके उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का निषेध विधेयक 2019
कोई भी व्यक्ति जो इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे एक वर्ष तक के कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा का होगी. इस विधेयक के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को ई-सिगरेट के स्टॉक के भंडारण के लिए किसी भी जगह का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. अगर कोई भी व्यक्ति ई-सिगरेट का कोई स्टॉक रखता है, तो उसे छह महीने तक की कैद या 50,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकता है.
अन्य महत्वपूर्ण विधेयक
इसके अलावा संसद में पेश होने वाले अन्य अन्य महत्वपूर्ण बिल हैं- औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक 2019. जिसमें ट्रेड यूनियनों अधिनियम 1926, औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम 1946 और औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 को संशोधित करता है. अध्यादेश को बदलने के लिए कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2019 का बिल संसद में लाया जाएगा.
कंपनी (दूसरा संशोधन) विधेयक 2019, जिसमें अपराधों को कम करने और व्यापार करने में आसानी की सुविधा के लिए कंपनी अधिनियम 2013 में संशोधन करना शामिल किया गया है. चिट फंड्स (संशोधन) विधेयक 2019.
भारतीय चिकित्सा पद्धति विधेयक
भारतीय चिकित्सा पद्धति विधेयक, 2019 के लिए राष्ट्रीय आयोग हैं. जो भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम 1970 को निरस्त करता है और भारतीय चिकित्सा पद्धति की शिक्षा और व्यवहार को विनियमित करने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना करता है. इसे 7 जनवरी 2019 को राज्यसभा में पेश किया गया था.
इसमें सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019 भी शामिल है. जिसमें वाणिज्यिक सरोगेसी पर प्रतिबंध का प्रावधान किया गया है. जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 का बिल संसद में लाया जा सकता है. इस विधेयक के जरिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष को एक ट्रस्टी के रूप हटाने का प्रावधान है और नामित सदस्यों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को अधिकार देता है.
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First published: November 18, 2019, 5:13 AM IST