होम /न्यूज /राष्ट्र /World Heritage Day: देश में सबसे महंगी है इस इमारत की टिकट, फिर भी इनकम में नंबर-1

World Heritage Day: देश में सबसे महंगी है इस इमारत की टिकट, फिर भी इनकम में नंबर-1

देशभर में अगर किसी इमारत का दीदार सबसे ज्यादा महंगा है तो वो है मोहब्बत की निशानी ताज महल. Demo Pic

देशभर में अगर किसी इमारत का दीदार सबसे ज्यादा महंगा है तो वो है मोहब्बत की निशानी ताज महल. Demo Pic

World Heritage Day: साल 2020-21 को कोरोना-लॉकडाउन का वक्त कहा जाता है. यह वो वक्त था, जब 6 महीने से भी ज्यादा वक्त तक स ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. देशभर में अगर किसी इमारत का दीदार सबसे ज्यादा महंगा है तो वो है मोहब्बत की निशानी ताज महल का, लेकिन, बावजूद इसके ताज महल देशभर में टिकट बेचकर सबसे ज्यादा इनकम देने वाली इमारत भी है. यहां देश ही नहीं विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते हैं. सालभर में दोनों ही तरह के पर्यटकों की संख्या 60 लाख के आसपास रहती है. ताज के म्यूजियम की टिकट को भी मिला ले तो एक साल में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की टिकट अकेले ताज महल पर ही बिक जाती हैं. आज के वक्त में विदेशियों को ताज का दीदार 1300 रुपये का तो भारतीय पर्यटकों को 250 रुपये का पड़ रहा है. लेकिन महंगी होती टिकट का ताज के चाहने वालों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. बल्कि साल दर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है.

    एएसआई, आगरा सर्किल की वेबसाइट के मुताबिक विदेशी पर्यटकों को ताज महल में एंट्री के लिए 11 सौ रुपये का टिकट लेना होता है. इसके बाद अंदर पहुंचकर मुख्य मकबरे तक ऊपर जाने के लिए 200 रुपये का टिकट अलग से लेना होगा. इस तरह से एक विदेशी पर्यटक को ताज के दीदार के लिए करीब 1300 रुपये खर्च करने होते हैं. इसी तरह से भारतीय पर्यटकों को एंट्री के लिए 50 रुपये का तो मुख्य मकबरे तक जाने के लिए 200 रुपये का टिकट लेना होता है. सार्क देशों से आने वाले पर्यटकों के लिए 500 रुपये की एंट्री और 200 रुपये का टिकट मुख्य मकबरे का लगता है.

    Noida में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी कराएंगे ड्रोन से जुड़े यह कोर्स, जानें प्लान

    आपके शहर से (आगरा)

    एक साल में बिकीं 100 करोड़ से ज्यादा की टिकट

    टिकट बिक्री के मामले में आगरा का ताजमहल पहले नंबर पर हैं. अगर कोरोना वाले वक्त को छोड़ दें तो साल 2019-20 में 97.11 करोड़ रुपये की टिकट बिकी थीं. ताज परिसर में ही बने म्यूजियम की करीब 9 करोड़ रुपये की टिकट बिकी थीं. जबकि 2018-19 में ताज का यह आंकड़ा 78 करोड़ रुपये था. जबकि ताज के रखरखाव का खर्च 2019-20 में 4.73 करोड़ और 2018-19 में 5.30 करोड़ रुपये था. विदेशी पर्यटकों के आने की बात करें तो 8 से 9 लाख और 40 से 45 लाख भारतीय पर्यटक ताजमहल देखने आते हैं.

    इन अड़चनों के बाद भी 13.71 करोड़ रुपये ज़्यादा आए

    बीते साल 2019 और मौजूदा साल में देशभर में कई ऐसे काम हुए, जिसकी वजह से दूसरे देशों ने अपने देश के पर्यटकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की, जिसके चलते समय-समय पर विदेशी पर्यटकों की संख्या पर खासा असर पड़ा. 2019 में लोकसभा के इलेक्शन हुए. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का हटना. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना. सीएए-एनआरसी का विरोध-प्रदर्शन चला. दिल्ली में हिंसा हुई. इतना ही नहीं जनवरी से तो कोरोना को लेकर पूरा विश्व ही दहशत में आ गया. ताजमहल जैसी इमारत पर भी ताला लग गया था.

    Tags: Agra taj mahal, Heritage, Historical monument, Tourist

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें