शिरीन भान, नई दिल्ली| देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप कम हो गया है. ये बात नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप के प्रमुख एनके अरोड़ा ने कही है. इसके साथ ही डॉ. अरोड़ा ने कहा कि NTAGI वैक्सीन की दो खुराकों में गैप पर नजर रख रही है और तीन से चार महीने पर इसकी समीक्षा की जाएगी. डॉ. अरोड़ा ने कहा, "वैक्सीन की खुराक के बीच समयातंराल पर हमारी निगाह है और तीन से चार महीने पर इसकी समीक्षा की जाएगी. जहां तक भारत में डेल्टा वैरिएंट के प्रकोप की बात है तो बुरा दौर गुजर चुका है." डेल्टा वैरिएंट को B.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है. कोरोना वायरस के इसी स्ट्रेन को भारत में संक्रमण की दूसरी लहर में तबाही के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
डेल्टा वैरिएंट 60 से ज्यादा देशों में फैल चुका है और इसी वजह से ब्रिटेन की सरकार को इस महीने के अंत में अनलॉक के फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ा है. उन्होंने कहा, "कोवैक्सीन टीकाकरण के मामले में ब्रेक थ्रू इंफेक्शन कोविशील्ड वैक्सीन जैसा ही है. वैक्सीन के प्रभावी होने का सबूत शरीर में एंटीबॉडी का एक्टिव होना है. लेकिन बहुत सारे टी-सेल्स भी हैं, जोकि दिखाई नहीं देते हैं. हमने भारत बायोटेक के फेज 3 के क्लिनिकल डाटा को देखा है और मानते हैं कि जल्द ही डाटा उपलब्ध होगा और प्रकाशित किया जाएगा."
बच्चों के टीकाकरण पर एनके अरोड़ा ने कहा कि इस बात की संभावना ज्यादा है कि इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में देश में बच्चों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि 2 से 18 उम्र वर्ग पर ट्रायल के नतीजे जल्द ही प्रकाशित होंगे." उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं. सीरो सर्वे के शुरुआती डाटा को देखें तो बहुत ज्यादा संक्रमण दिख रहा है, इसका आशय ये है कि हमारे पास तेजी से टीकाकरण करने का एक विकल्प मौजूद है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Coronavirus, Delta Variant, NTAGI
FIRST PUBLISHED : June 11, 2021, 19:03 IST