लेखक उदय प्रकाश ने की थी अवॉर्ड वापसी की शुरुआत, अब राम मंदिर के लिए दिया दान

उदय प्रकाश सिंह ने साहित्य अकादमी का अवॉर्ड वापसी के जरिए लेखकों पर हो रहे हमलों का विरोध किया था. (फोटो: Facebook)
Uday Prakash Donated: 30 अगस्त 2015 में साहित्यकार एमएम कलबुर्गी को उनके कर्नाटक के धरवाड शहर के कल्याण नगर स्थित घर के पास ही गोली मार दी थी. उन्हें भी साहित्य अकादमी अवॉर्ड से नवाजा जा चुका था.
- News18Hindi
- Last Updated: February 4, 2021, 5:42 PM IST
नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण के लिए चंदा देने वालों में लेखक उदय प्रकाश (Uday Prakash Singh) का नाम भी जुड़ गया है. उन्हें अवॉर्ड वापसी (Award Returning) की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है. उन्होंने इस दान की जानकारी एक फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) के जरिए दी है. उन्होंने राम मंदिर के लिए 5 हजार 400 रुपए दिए हैं. खास बात है कि उन्होंने साल 2015 में साथी कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की हत्या के बाद साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिया था.
गुरुवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए दान की जानकारी दी. उन्होंने लिखा 'आज की दान-दक्षिणा. अपने विचार अपनी जगह पर सलामत.' सिंह ने साहित्य अकादमी का अवॉर्ड लेखकों पर हो रहे हमलों के विरोध में किया था. 30 अगस्त 2015 में साहित्यकार एमएम कलबुर्गी को उनके कर्नाटक के धरवाड शहर के कल्याण नगर स्थित घर के पास ही गोली मार दी थी. उन्हें भी साहित्य अकादमी अवॉर्ड से नवाजा जा चुका था.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था 'मैंने बुधवार को शॉल, पट्टिका और 1 लाख रुपए का चेक लौटा दिया है. यह अवॉर्ड साहित्य अकादमी के निजी सचिव के श्रीनिवासराव ने प्राप्त किया था, जो शहर के बाहर थे.' उन्होंने उस दौरान बताया था 'मुझे यह बताया गया है कि साहित्य अकादमी इस मामले पर अगले कुछ दिनों में एक बैठक आयोजित करेगी.'
उदय प्रकाश सिंह को साल 2010 में मोहनदास के लिए अवॉर्ड मिला था. उस दौरान भी उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी थी. अंग्रेजी अखबार द हिंदू को उन्होंने बताया था कि इस फैसले को लेकर किसी दूसरे लेखक से बात नहीं की थी. उन्होंने कहा था 'यह मेरा फैसला है और केवल मेरा फैसला है.' इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य गौतम गंभीर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई बड़ी हस्तियों ने दान दिया है.
गुरुवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए दान की जानकारी दी. उन्होंने लिखा 'आज की दान-दक्षिणा. अपने विचार अपनी जगह पर सलामत.' सिंह ने साहित्य अकादमी का अवॉर्ड लेखकों पर हो रहे हमलों के विरोध में किया था. 30 अगस्त 2015 में साहित्यकार एमएम कलबुर्गी को उनके कर्नाटक के धरवाड शहर के कल्याण नगर स्थित घर के पास ही गोली मार दी थी. उन्हें भी साहित्य अकादमी अवॉर्ड से नवाजा जा चुका था.

(फोटो: Uday Prakash/Facebook)
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था 'मैंने बुधवार को शॉल, पट्टिका और 1 लाख रुपए का चेक लौटा दिया है. यह अवॉर्ड साहित्य अकादमी के निजी सचिव के श्रीनिवासराव ने प्राप्त किया था, जो शहर के बाहर थे.' उन्होंने उस दौरान बताया था 'मुझे यह बताया गया है कि साहित्य अकादमी इस मामले पर अगले कुछ दिनों में एक बैठक आयोजित करेगी.'
उदय प्रकाश सिंह को साल 2010 में मोहनदास के लिए अवॉर्ड मिला था. उस दौरान भी उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी थी. अंग्रेजी अखबार द हिंदू को उन्होंने बताया था कि इस फैसले को लेकर किसी दूसरे लेखक से बात नहीं की थी. उन्होंने कहा था 'यह मेरा फैसला है और केवल मेरा फैसला है.' इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य गौतम गंभीर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई बड़ी हस्तियों ने दान दिया है.