शी जिनपिंग ने मॉस्को की तीन-दिवसीय यात्रा यूक्रेन संघर्ष में शांति वाहक के तौर पर अपनी भूमिका प्रदर्शित करने के लिए की थी (Mikhail Tereshchenko, Sputnik, Kremlin Pool Photo via AP, File)
डि नई दिल्ली. भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव (Denis Alipov) ने विशेषज्ञों की उस राय को ‘‘काल्पनिक विचार’’ बताकर खारिज कर दिया कि जिसमें कहा गया है कि मॉस्को (Moscow) और बीजिंग (Beijing) के बीच संबंध भारत के साथ रूस के संबंधों को ‘‘नुकसान’’ पहुंचाएंगे. डेनिस अलीपोव ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) की रूस यात्रा के परिणामों पर मीडिया के एक वर्ग में विश्लेषणों को लेकर जवाब देते हुए यह बात कही.
रूसी राजदूत ने एक ट्वीट किया, ‘‘इन दिनों शी जिनपिंग की रूस यात्रा के परिणामों का काफी विश्लेषण किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित भारतीय विशेषज्ञ ऐसे रूस-चीन संबंधों का सपना देख रहे हैं जो भारत और रूस के बीच सामरिक संबंधों को नुकसान पहुंचाएंगे. यह मुद्दा ‘‘काल्पनिक विचारों’’ का मामला है!’’
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रूस के तीन दिन के दौरे पर थे जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सप्ताह रूस के तीन दिवसीय दौरे पर थे. इस दौरान जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच साझेदारी को और अधिक मजबूत करने पर चर्चा की.
शी जिनपिंग ने मॉस्को की तीन-दिवसीय यात्रा यूक्रेन संघर्ष में शांति वाहक के तौर पर अपनी भूमिका प्रदर्शित करने के लिए की थी. उन्होंने इस दिशा में शांति वार्ता योजना को आगे बढ़ाने की मांग की, जिस पर यूक्रेन के प्रमुख सहयोगी अमेरिका से ठंडी प्रतिक्रिया मिली.
मार्च 2013 में पहली बार चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद से शी की रूस की इस यात्रा को ‘‘दोस्ती, सहयोग और शांति’’ की यात्रा बताया गया है.
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