नई दिल्ली. साल 2020 के नजदीक आने की पदचाप सुनाई पड़ रही है और 2019 अलविदा कहने को तैयार है. साल 2019 में अंतरिक्ष (Space) से जुड़ी कई घटनाओं ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींचा. ऐसी ही दो बड़ी अंतरिक्ष घटनाओं में शामिल हैं, भारत का मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) और सूर्य से 6 अरब गुना ज्यादा बड़े ब्लैक होल (Black Hole) की तस्वीरों का सामने आना. चंद्रयान-2 ने जहां अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक पर भारतीय वैज्ञानिकों (Indian Scientists) की पकड़ दुनिया के सामने पेश की. वहीं, ब्लैक होल की तस्वीरें आने और क्वांटम कंप्यूटर (Quantum Computer) के विकास से विज्ञान ने अपना पुराना दायरा तोड़ने के साथ ही नई सीमाएं गढ़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया. माना जा रहा है कि इससे आने वाले वर्षों में तकनीक (Technology) को नया आयाम दिया जा सकता है.
ईवेंट हॉराइजन टेलिस्कोप ने ब्लैक होल की पहली तस्वीर ली
वर्ष 2019 में ब्लैक होल की तस्वीर सामने आई, जिसे लेकर दुनियाभर के खगोल विज्ञानी (Astronomers) रोमांचित रहे. अप्रैल में इंटरनेशनल ईवेंट हॉराइजन टेलिस्कोप (Event Horizon Telescope) कलैबरेशन ने इस ब्लैक होल की पहली तस्वीर (Picture) ली. पृथ्वी (Earth) से पांच करोड़ 40 लाख प्रकाश वर्ष दूर मेसियर 87 नाम की आकाशगंगा (Galaxy) में मौजूद इस विशालकाय ब्लैक होल को 'साइंस' मैगजीन ने विज्ञान की दुनिया में 2019 की बड़ी उपलब्धि बताया. अक्टूबर, 2019 में गूगल (Google) ने कंप्यूटर विज्ञान में एक ऊंची छलांग लगाई.

गूगल ने 'साइकैमोर' नाम के अपने अत्याधुनिक क्वांटम कंप्यूटर का इस्तेमाल किया.
गूगल ने 'साइकैमोर' का प्रयोग कर क्वांटम सुप्रीमेसी का किया दावा
'साइकैमोर' (Sycamore) नाम के अपने अत्याधुनिक क्वांटम कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हुए गूगल ने आम मशीनों के लिए असंभव मानी जाने वाली एक समस्या का समाधान कर दुनिया के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों पर 'क्वांटम सुप्रीमेसी' (Quantum Supremacy) का दावा किया. विशेषज्ञों के अनुसार, क्वांटम कंपयूटर ने जटिल गणना (Complex Calculation) को महज 200 सेकंड में पूरा कर दिया, जिसे पूरा करने में सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर लगभग 10 हजार साल लगा सकते हैं.
इसरो की चंद्रयान-2 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश रही अधूरी
अनगिनत सपनों के साथ 22 जुलाई, 2019 को चांद (Moon) की सतह को छूने के लिए रवाना हुआ भारत का चंद्रयान-2 विज्ञान जगत की बड़ी घटना रहा. भारत ने इस दूसरे चंद्र मिशन के तहत 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में 'सॉफ्ट लैंडिंग' की कोशिश की, लेकिन लैंडर 'विक्रम' का चांद की सतह से कुछ ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. 'सॉफ्ट लैंडिंग' में सफलता नहीं मिलने से वैज्ञानिकों, युवाओं, बच्चों, बुजुर्गों समेत हर भारतीय को दुख हुआ. हर व्यक्ति जानना चाहता था कि विक्रम कहां होगा और उसके साथ क्या हुआ होगा? भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चांद की सतह पर पड़े विक्रम के बारे में पता लगाया और कहा कि 'इसकी हार्ड लैंडिंग' हुई थी. इस साल इसरो ने एक और अहम घोषणा करते हुए कहा कि वह निकट भविष्य में सूर्य की कक्षा में यान भेजने की तैयारी कर रहा है.

भारत ने दूसरे चंद्र मिशन के तहत 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में 'सॉफ्ट लैंडिंग' की कोशिश की.
चंद्रमा के सुदूर छोर पर अंतरिक्ष यान उतारने में चीन को मिली सफलता
इस साल 'अपोलो' चंद्र मिशन की 50वीं वर्षगांठ भी मनाई गई. जनवरी, 2019 में चीन (China) का एक यान चंद्रमा के सुदूर छोर पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान (Spacecraft) बन गया. इसका रोवर 'युतु-2' चांद की सतह पर घूमकर पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के बारे में लगातार जानकारी भेज रहा है. नासा के मंगल मिशन (Mission Mars) ने इस साल कई परिणाम दिए. नासा ने अप्रैल, 2019 में घोषणा की कि इसके रोबोटिक 'मार्स इनसाइट' लैंडर ने मंगल पर पहली बार भूकंप (Marsquake) रिकॉर्ड किया है. इस वर्ष जीवविज्ञान प्रयोगशालाओं में भी कई अहम घटनाक्रम हुए. अमेरिकी अनुसंधानकर्ताओं ने 32 सूअरों के मृत मस्तिष्क में कोशिकीय प्रणाली को बहाल कर दिया.
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Tags: Black hole, Chandrayaan 2, Happy new year, ISRO, Mars, Nasa, Space, Year ender 2019
FIRST PUBLISHED : December 27, 2019, 22:43 IST