जायडस कैडिला को DGCI ने दी फेज 3 ट्रायल की मंजूरी, अगले माह से शुरू होगा परीक्षण

रिपोर्ट्स बताती हैं कि जायडस कैडिला की वैक्सीन 80 फीसदी तक असरदार रही है.- सांकेतिक फोटो (Pixabay)
Corona Vaccine Update: कंपनी के एमडी शर्विल पटेल ने कहा, 'हम पैजिलेटेड इंटरफैरोन अल्फा 2बी के फेज 2 स्टडी से मिले परिणामों से काफी प्रोत्साहित हुए हैं.' उन्होंने बताया 'इसने बीमारी की शुरुआत में दिए जाने के बाद वायरस के टाइटरस को कम करने की क्षमता दिखाई है.'
- News18Hindi
- Last Updated: December 4, 2020, 3:49 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ जंग में वैक्सीन (Corona Vaccine) रेस में भारत (India) को रफ्तार मिलती दिख रही है. शुक्रवार को ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DGCI) ने जायडस कैडिला (Zydus Cadila) को फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल (Phase-3 Clinical Trial) की अनुमति दे दी है. कंपनी ने बताया कि भारत में Pegylated Interferon alpha 2b के साथ परीक्षण की अनुमति मिल गई है. कंपनी ने बीते महीने फेज-2 ट्रायल पूरे कर लिए हैं.
कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, तीसरे चरण के ट्रायल्स की शुरुआत दिसंबर में होगी. इन ट्रायल्स में भारत के 20-25 केंद्रों से 250 मरीजों को शामिल किया जाएगा. कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर शर्विल पटेल ने कहा, 'हम पैजिलेटेड इंटरफैरोन अल्फा 2बी के फेज 2 स्टडी से मिले परिणामों से काफी प्रोत्साहित हुए हैं.' उन्होंने बताया, 'इसने बीमारी की शुरुआत में दिए जाने के बाद वायरस के टाइटरस को कम करने की क्षमता दिखाई है.'
पटेल बताते हैं, 'हमारा प्रयास कोविड-19 के ऐसे इलाजों की तलाश करना है, जो सुरक्षित हों और आसानी से इस्तेमाल किए जा सके, ताकि बीमारी का बोझ हल्का हो सके.' कंपनी ने कहा था कि वह इसी तरह के फेज 2 ट्रायल मेक्सिको में कर रही है और PegiHep के लिए इनवेस्टिगेशनल न्यू ड्रग (IND) खोलने के लिए अमेरिकी संस्था एफडीए के साथ मिलकर काम कर रही है.
दरअसल, पेजिलेटेड इंटरफेरोन अल्फा 2बी ने विशेष रूप से वायरस को कम करने और कोविड-19 से हल्के रूप से बीमार मरीजों में सप्लीमेंट ऑक्सीजन की जरूरत को कम किया है. डीसीजीआई वीजी सोमानी बताते हैं कि आमतौर पर ट्रायल्स करने में 4-5 साल का वक्त लगता है. चूंकि महामारी जारी है इसलिए हम लगातार समीक्षा के साथ मिलकर एक अनुकूली ट्रायल चला रहे हैं.
पीएम मोदी ने किया था दौरा
बीते नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की तीन टॉप वैक्सीन निर्माता कंपनियों का दौरा किया था. पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट और हैदराबाद के भारत बायोटेक के अलावा अहमदाबाद की जायडस कैडिला भी इस कार्यक्रम में शामिल थी. जायडस कैडिला ने अपनी वैक्सीन ZyCoV-D का दूसरे चरण का ट्रायल अगस्त में शुरू कर दिया था, जिसे बीते माह पूरा कर लिया गया है. कंपनी ने नेशनल बायोफार्मा मिशन, विराक और भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ करार किया है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह वैक्सीन 80 फीसदी तक असरदार रही थी.
कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, तीसरे चरण के ट्रायल्स की शुरुआत दिसंबर में होगी. इन ट्रायल्स में भारत के 20-25 केंद्रों से 250 मरीजों को शामिल किया जाएगा. कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर शर्विल पटेल ने कहा, 'हम पैजिलेटेड इंटरफैरोन अल्फा 2बी के फेज 2 स्टडी से मिले परिणामों से काफी प्रोत्साहित हुए हैं.' उन्होंने बताया, 'इसने बीमारी की शुरुआत में दिए जाने के बाद वायरस के टाइटरस को कम करने की क्षमता दिखाई है.'
पटेल बताते हैं, 'हमारा प्रयास कोविड-19 के ऐसे इलाजों की तलाश करना है, जो सुरक्षित हों और आसानी से इस्तेमाल किए जा सके, ताकि बीमारी का बोझ हल्का हो सके.' कंपनी ने कहा था कि वह इसी तरह के फेज 2 ट्रायल मेक्सिको में कर रही है और PegiHep के लिए इनवेस्टिगेशनल न्यू ड्रग (IND) खोलने के लिए अमेरिकी संस्था एफडीए के साथ मिलकर काम कर रही है.
दरअसल, पेजिलेटेड इंटरफेरोन अल्फा 2बी ने विशेष रूप से वायरस को कम करने और कोविड-19 से हल्के रूप से बीमार मरीजों में सप्लीमेंट ऑक्सीजन की जरूरत को कम किया है. डीसीजीआई वीजी सोमानी बताते हैं कि आमतौर पर ट्रायल्स करने में 4-5 साल का वक्त लगता है. चूंकि महामारी जारी है इसलिए हम लगातार समीक्षा के साथ मिलकर एक अनुकूली ट्रायल चला रहे हैं.
पीएम मोदी ने किया था दौरा
बीते नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की तीन टॉप वैक्सीन निर्माता कंपनियों का दौरा किया था. पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट और हैदराबाद के भारत बायोटेक के अलावा अहमदाबाद की जायडस कैडिला भी इस कार्यक्रम में शामिल थी. जायडस कैडिला ने अपनी वैक्सीन ZyCoV-D का दूसरे चरण का ट्रायल अगस्त में शुरू कर दिया था, जिसे बीते माह पूरा कर लिया गया है. कंपनी ने नेशनल बायोफार्मा मिशन, विराक और भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ करार किया है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह वैक्सीन 80 फीसदी तक असरदार रही थी.