हैपेटाइटिस की दवा से होगा कोरोना का इलाज? जायडस कैडिला ने मांगी DCGI से इजाजत

जायडस कैडिला ने कहा कि जो शुरुआती नतीजे सामने आए हैं उनसे पता चलता है कि शुरुआत में इसके इस्तेमाल से कोविड-19 का मरीज ज्यादा तेजी से उबरता है. (PTI)
Coronavirus News: जायडस कैडिला ने अपने बयान में कहा कि पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण में इस दवा से कोविड-19 के इलाज को लेकर उत्साहवर्धक नतीजे मिले हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: April 6, 2021, 9:08 PM IST
नई दिल्ली. दवा कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से हैपेटाइटिस की दवा पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2बी का इस्तेमाल कोविड-19 (COVID-19 Treatment) के इलाज में करने के लिए अनुमति मांगी है. जायडस कैडिला ने सोमवार को बयान में कहा कि पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण में इस दवा से कोविड-19 के इलाज को लेकर उत्साहवर्धक नतीजे मिले हैं.
कंपनी इस दवा को ‘पेगीहेप’ ब्रांड नाम से बेचती है. कंपनी ने कहा कि जो शुरुआती नतीजे सामने आए हैं उनसे पता चलता है कि शुरुआत में इसके इस्तेमाल से कोविड-19 का मरीज ज्यादा तेजी से उबरता है. साथ ही इससे मरीज को दिक्कतें भी नहीं आती हैं.
जायडस कैडिला ने जेनेरिक कोविड-19 दवा के दाम घटाएइससे पहले मार्च माह में जायडस कैडिला ने रेमडेसिवीर दवा के अपने जेनेरिक संस्करण की कीमतों में उल्लेखनीय कटौती करने की घोषणा की थी. जिसके बाद कंपनी ने कोविड-19 की दवा के जेनेरिक संस्करण का दाम घटाकर 899 रुपये प्रति शीशी (100 एमजी) कर दिया है. कंपनी ने अगस्त, 2019 में रेमडैक को देश में पेश किया था. उस समय इंजेक्शन के रूप में दी जाने वाली इस दवा की 100 एमजी की शीशी का दाम 2800 रुपये था.

जायडस कैडिला ने बीते 24 मार्च को अपने बयान में कहा कि रेमडेसिवीर कोविड-19 के इलाज में एक महत्वपूर्ण दवा है. इस कदम से ऐसी मुश्किल के समय मरीजों को काफी मदद मिल सकेगी. (इनपुट भाषा से भी)
कंपनी इस दवा को ‘पेगीहेप’ ब्रांड नाम से बेचती है. कंपनी ने कहा कि जो शुरुआती नतीजे सामने आए हैं उनसे पता चलता है कि शुरुआत में इसके इस्तेमाल से कोविड-19 का मरीज ज्यादा तेजी से उबरता है. साथ ही इससे मरीज को दिक्कतें भी नहीं आती हैं.

जायडस कैडिला ने बीते 24 मार्च को अपने बयान में कहा कि रेमडेसिवीर कोविड-19 के इलाज में एक महत्वपूर्ण दवा है. इस कदम से ऐसी मुश्किल के समय मरीजों को काफी मदद मिल सकेगी. (इनपुट भाषा से भी)