नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2जी घोटाले में गृह मंत्री पी चिदंबरम की कथित भूमिका को लेकर सीबीआई द्वारा की जा रही हीला हवाली पर आज उसे कडी़ फटकार लगाई जिसके बाद एजेंसी ने कहा कि न्यायालय यदि इस संबंध में जांच का आदेश देता है तो वह उसका पालन करेगी।
याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका के बारे में न्यायालय में कल दाखिल महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बारे में सीबीआई ने आज कहा कि वह इनकी जांच पड़ताल करने के लिए भी तैयार है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने 2जी घोटाले में चिदंबरम के खिलाफ जांच न करने के फैसले का बचाव करते हुए न्यायालय को आगाह किया था कि वह एजेंसी की स्वायत्तता में दखलदांजी न करे। वकील ने न्यायालय का ध्यान इस नजीर की ओर दिलाया था कि किसी अदालत में आरोप पत्र दाखिल हो जाने के बाद ऊपरी न्यायालयों को निगरानी और निर्देश देने से बचना चाहिए।
केन्द्र सरकार के वकील पी पी राव ने जब उच्चतम न्यायालय को अधिकारों की उस लक्ष्मण रेखा का स्मरण कराया जिसका उल्लघंन न्यायपालिका को नहीं करना चाहिए तब खंडपीठ के एक न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी ने फटकार लगाते हुए कहा कि न्यायालय ने किसी लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन नहीं किया जबकि सरकार ने 2जी लाईसेंसों को कम कीमत पर जारी करके लक्ष्मण रेखा पार की थी।
न्यायमूर्ति सिंघवी ने वकील से यह भी पूछा कि आखिर किसी मामले में न्यायालय द्वारा निगरानी रखे जाने की जरूरत ही क्यों पडी़। इस पर शर्मिंदगी के साथ वकील को यह मानना पडा़ कि सरकार में उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के उजागर होने पर ही न्यायालय को ऐसा करना पडा़।
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Tags: 2G scam, A Raja, Telecom scam
FIRST PUBLISHED : September 22, 2011, 15:23 IST