कोयला घोटाले: CBI ने की मनमोहन से पूछताछ!

कोयला घोटाले में सीबीआई ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से पूछताछ की है। हिंडाल्को मामले में मनमोहन से पूछताछ दो दिन पहले हुई है। ये खबर पीटीआई के हवाले से आई है।
कोयला घोटाले में सीबीआई ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से पूछताछ की है। हिंडाल्को मामले में मनमोहन से पूछताछ दो दिन पहले हुई है। ये खबर पीटीआई के हवाले से आई है।
- News18India.com
- Last Updated: January 20, 2015, 4:26 PM IST
नई दिल्ली। कोयला घोटाले में सीबीआई ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से पूछताछ की है। हिंडाल्को मामले में मनमोहन से दो दिन पहले ही रविवार को उनके घर पर पूछताछ हुई है। ये खबर पीटीआई के हवाले से आई है। पीटीआई के मुताबिक 3 सदस्यीय टीम ने करीब एक घंटे तक मनमोहन से पूछताछ की। कोयला ब्लाक आवंटन के वक्त मनमोहन सिंह के पास ही कोयला मंत्रालय था।
यूपीए सरकार में पीएम रहे मनमोहन सिंह से कोयला घोटाले में पूछताछ की मांग बीजेपी करती रही है। लेकिन तत्कालीन सरकार ने हर बार इस मांग को खारिज कर दिया। लेकिन बीजेपी सरकार में सीबीआई ने आखिरकार मनमोहन से पूछताछ कर ही ली।
अक्तूबर 2013 में सीबीआई ने पीएमओ को भेजे गए पत्र में 2005 में हिंडाल्को को आवंटित ओडिशा की तालाबिरा-2 और तालाबिरा-3 कोयला ब्लॉक से संबंधित फाइल की मांग की थी। ये खदानें पीएमओ के फैसले पर आवंटित की गई थीं।
कोयला मामले में दर्ज 14वीं एफआईआर में सीबीआई ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी के पारख को आपराधिक षडयंत्र का आरोपी बनाया था। इसके बाद पारख ने दावा किया था कि आखिरी फैसला प्रधानमंत्री ने लिया था, इसलिए उन्हें भी आरोपी बनाया जाना चाहिए।
यूपीए सरकार में पीएम रहे मनमोहन सिंह से कोयला घोटाले में पूछताछ की मांग बीजेपी करती रही है। लेकिन तत्कालीन सरकार ने हर बार इस मांग को खारिज कर दिया। लेकिन बीजेपी सरकार में सीबीआई ने आखिरकार मनमोहन से पूछताछ कर ही ली।
अक्तूबर 2013 में सीबीआई ने पीएमओ को भेजे गए पत्र में 2005 में हिंडाल्को को आवंटित ओडिशा की तालाबिरा-2 और तालाबिरा-3 कोयला ब्लॉक से संबंधित फाइल की मांग की थी। ये खदानें पीएमओ के फैसले पर आवंटित की गई थीं।
कोयला मामले में दर्ज 14वीं एफआईआर में सीबीआई ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी के पारख को आपराधिक षडयंत्र का आरोपी बनाया था। इसके बाद पारख ने दावा किया था कि आखिरी फैसला प्रधानमंत्री ने लिया था, इसलिए उन्हें भी आरोपी बनाया जाना चाहिए।