‘आप’ की झाड़ू ने BJP का कचरा किया: सामना

दिल्ली में बीजेपी की करारी हार के बाद जहां उसके विरोधियों को हमला करने का मौका मिल गया है वहीं उसके साथी पर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं।
दिल्ली में बीजेपी की करारी हार के बाद जहां उसके विरोधियों को हमला करने का मौका मिल गया है वहीं उसके साथी पर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं।
- News18India.com
- Last Updated: February 11, 2015, 6:35 AM IST
मुंबई। दिल्ली में बीजेपी की करारी हार के बाद जहां उसके विरोधियों को हमला करने का मौका मिल गया है वहीं उसके साथी पर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी को निशाने पर लिया गया है। सामना में लिखा गया है कि दिल्ली की हार मोदी की हार है।
लेख में लिखा है कि पूरे देश में विजय पाने के बाद मोदी दिल्ली में आकर हार गए और अब तो मोदी का ठिकाना भी दिल्ली में है फिर भी वो दिल्ली को नहीं बचा पाए। मोदी पर वार करते हुए सामना में लिखा है कि जिस लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को शत प्रतिशत विजय हासिल हुई। उसी दिल्ली की जनता ने आप के केजरीवाल की झाड़ू लेकर बीजेपी की कचरा कर दिया।
दिल्ली में बीजेपी के लिए दहाई का आकड़ा तो छोड़ दें तो उंगलियों पर गिनने की जरुरत भी नहीं बची है उसे इतनी कम सीटें मिली हैं। लेख में आगे लिखा है कि मोदी का ब्रह्मास्त्र इस बार नहीं चला. शाह भी इस बार दिल्ली नहीं बचा पाए। लहर की तुलना में सुनामी का प्रभाव प्रबल होता है। यह दिल्ली में दिखाई दिया।
मोदी पर हमला करते हुए सामना में लिखा है कि अगर विजय के लिए मोदी जिम्मेदार हैं तो पराजय की भी उनकी जिम्मेदारी है। दिल्ली की चुनाव उन्हीं के चेहरो को आगे रखकर लड़ा गया था। यहां तक कि कई नेताओं को दरकिनार कर दिया गया था तो ऐसे में हार के लिए जिम्मेदार कौन हैं?
लेख में लिखा है कि पूरे देश में विजय पाने के बाद मोदी दिल्ली में आकर हार गए और अब तो मोदी का ठिकाना भी दिल्ली में है फिर भी वो दिल्ली को नहीं बचा पाए। मोदी पर वार करते हुए सामना में लिखा है कि जिस लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को शत प्रतिशत विजय हासिल हुई। उसी दिल्ली की जनता ने आप के केजरीवाल की झाड़ू लेकर बीजेपी की कचरा कर दिया।
दिल्ली में बीजेपी के लिए दहाई का आकड़ा तो छोड़ दें तो उंगलियों पर गिनने की जरुरत भी नहीं बची है उसे इतनी कम सीटें मिली हैं। लेख में आगे लिखा है कि मोदी का ब्रह्मास्त्र इस बार नहीं चला. शाह भी इस बार दिल्ली नहीं बचा पाए। लहर की तुलना में सुनामी का प्रभाव प्रबल होता है। यह दिल्ली में दिखाई दिया।
मोदी पर हमला करते हुए सामना में लिखा है कि अगर विजय के लिए मोदी जिम्मेदार हैं तो पराजय की भी उनकी जिम्मेदारी है। दिल्ली की चुनाव उन्हीं के चेहरो को आगे रखकर लड़ा गया था। यहां तक कि कई नेताओं को दरकिनार कर दिया गया था तो ऐसे में हार के लिए जिम्मेदार कौन हैं?