उत्तराखंड की सत्ता के लिए जोर आजमाइश में लगी कांग्रेस और भाजपा के लिए आज कयामत की रात है.
अगर नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक यथास्थिति बनी रही तो एक-दूसरे से दो-दो हाथ तो कल विधानसभा में होंगे, लेकिन उससे पहले आज की रात अपने-अपने विधायकों को बचाकर रखने की बड़ी चुनौती है.
भाजपा ने अपने विधायकों को देहरादून से बाहर सेलाकुई में बुला लिया है. बताया जा रहा है कि यहां पर एक रिसोर्ट में विधायकों की खातिरदारी की जा रही है. वहीं देहरादून कैंप कर रही कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी अम्बिका सोनी ने भी अपने विधायकों को दावत के लिए आईएसबीटी की तरफ एक होटल में बुला रखा है.
दरअसल, अपने विधायकों को संभालकर रखने के पीछे दोनों दलों की चिंता यूं ही नहीं है. बीते दिनों का घटनाक्रम साबित कर चुका है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता है.
भाजपा के विधायक भीमलाल कांग्रेसी सीएम हरीश रावत के साथ कदमताल कर चुके हैं. इसी कदमताल के चलते भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित तक कर रखा है.
कांग्रेस के भीतर की जंग तो किसी से छिपी ही नहीं है. पूरा सियासी बवंडर कांग्रेस के नौ विधायकों की बगावत के बाद ही खड़ा हुआ है. टूट का डर दोनों तरफ है. दोनों की दल अपने विधायकों को सदन में शक्ति परीक्षण तक अकेला नहीं छोड़ना चाहता हैं.
कांग्रेस और भाजपा की हालत उस मां के जैसी है जो अपने बेटे को अकेला छोड़ते हुए इसलिए डरती है कि कोई उठाकर नहीं ले जाए और भीड़ में भी उसे यह डर बना रहता है कि कहीं किसी की नजर न लग जाए.
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FIRST PUBLISHED : March 30, 2016, 21:53 IST