पंजाब की 25 फीसदी जनता गर्मियों में हो सकती है बेहाल, बिजली की कमी से लग सकते हैं पावर कट

बिजली कटौती. (सांकेतिक फोटो)
Punjab Power Cut: पीएसपीसीएल के पास सभी स्रोत मिलाकर 13596.35 मेगावाट बिजली उपलब्ध करवाने की क्षमता है. आने वाले धान के सीजन को देखते हुए बिजली की मांग 14000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है.
- News18Hindi
- Last Updated: April 7, 2021, 5:47 PM IST
चंडीगढ़. दिल्ली के नॉर्दन रीजनल लोड डिसपेच सेंटर (Northern Regional Load Dispatch Center) ने तकनीकी खामियों के चलते पंजाब को बाहर से बिजली मुहैया करवाने से इनकार कर दिया है. जिसके चलते राज्य में इस साल गर्मियों में करीब 25 फीसदी उपभोक्ताओं को बिजली कट से परेशान होना पड़ सकता है. पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (State Power Corporation Limited Chairman-cum-Managing Director) ए वेणु प्रसाद ने पत्र लिखकर इस बारे में बिजली की मांग की थी. लेकिन नॉर्दन रीजनल ग्रिड ने इनकार कर दिया है.
राज्य की 13596.35 मेगावाट की है क्षमता
पीएसपीसीएल के पास सभी स्रोत मिलाकर 13596.35 मेगावाट बिजली उपलब्ध करवाने की क्षमता है. आने वाले धान के सीजन को देखते हुए बिजली की मांग 14000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है. जाहिर है कि राज्य में 771 मेगावाट बिजली की कमी होगी. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीजन में बिजली की मांग 13148 मेगावट तक गई थी. यह मांग 2022 में 15013 मेगावाट को छूने की उम्मीद है. बीते साल कोराना काल में बिजली के पावर कट लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ी थी क्योंकि इस दौरान लॉकडाउन में कई उद्योग बंद पड़े थे, जबकि अब यह समस्या बढ़ती हुई नजर आ रही है.
सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट चलने से मिल सकती है राहत
हिंदी दैनिक अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हर साल बिजली की मांग में बढ़ोतरी होती जा रही है. जुलाई 2010 के दौरान बिजली की मांग 9399 मेगावाट थी, जिसमें जुलाई 2019 में 13606 मेगावाट की वृद्धि हुई. आगामी धान सीजन के पीक पर पहुंचने पर डिमांड 14371 मेगावाट हाने की संभावना है. बठिंडा का गुरु नानक देव थर्मल प्लांट (Guru Nanak Dev thermal plant) बंद कर रोपड़ में सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट लगाने की योजना भी ठंडे बस्ते में पड़ हुई है. पीएसपीसीएल काे बंद पड़े रोपड़ में सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट के दाे यूनिट्स काे शुरू करना हाेगा इससे करीब 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन हाे सकता है.
राज्य की 13596.35 मेगावाट की है क्षमता
पीएसपीसीएल के पास सभी स्रोत मिलाकर 13596.35 मेगावाट बिजली उपलब्ध करवाने की क्षमता है. आने वाले धान के सीजन को देखते हुए बिजली की मांग 14000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है. जाहिर है कि राज्य में 771 मेगावाट बिजली की कमी होगी. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीजन में बिजली की मांग 13148 मेगावट तक गई थी. यह मांग 2022 में 15013 मेगावाट को छूने की उम्मीद है. बीते साल कोराना काल में बिजली के पावर कट लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ी थी क्योंकि इस दौरान लॉकडाउन में कई उद्योग बंद पड़े थे, जबकि अब यह समस्या बढ़ती हुई नजर आ रही है.
