चंडीगढ़: पंजाब असेंबली इलेक्शन में 5 राजनीतिक दलों की लड़ाई ने चुनावों को रोचक बना दिया है. 2017 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल भाजपा गठबंधन (SAD-BJP Alliance), कांग्रेस Congress और आम आदमी पार्टी (AAP) में कड़ा मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (Punjab Lok Congress), शिरोमणि अकाली दल संयुक्त और किसानों की पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा ने आप, कांग्रेस और अकाली दल की परेशानियां बढ़ा दी हैं.
शिरोमणि अकाली दल (SAD) का मुख्यमंत्री का चेहरा संभवतः सुखबीर बादल ही हैं और आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान (Bhagwant Mann) को अपना सीएम कैंडिडेट घोषित किया है. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का संभावित उम्मीदवार घोषित करने को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है.
लेकिन हाल ही में चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे के घर ईडी की रेड के दौरान 8 करोड़ रुपये की बरामदगी से कांग्रेस के लिए सीएम का चेहरा चुनाव से पहले घोषित करना और भी टेड़ी खीर हो गई है. इन समीकरणों के बीच यह चुनाव चन्नी बनाम भगवंत मान होगा इस पर राजनीतिक विशेषज्ञों की राय भी अलग-अलग है.
पंजाब के इस चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, बीजेपी, अकाली दल-बीएसपी गठबंधन मैदान में है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की लोक कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया है. इसके अलावा किसान आंदोलन संगठनों का संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) भी चुनाव मैदान में है.
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इन सारे समीकरणों को लेकर इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एंड कम्यूनिकेशन के निदेशक डॉक्टर प्रमोद कुमार ने बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा है कि हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता कम हुई है क्योंकि भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाने के लिए महज 21 लाख लोगों ने वोट डाले जबकि पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए 36 लाख लोगों ने वोट किया था. अगर उनकी लोकप्रियता बढ़ी होती तो 36 लाख से ज्यादा लोगों को मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने के लिए हुए वोट में हिस्सा लेना चाहिए था.
वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर आशुतोष कुमार का मानना है चुनाव में मुख्य तौर पर मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच ही होगा. उनकी उनकी मानें तो भाजपा-कैप्टन अमरिंदर गठबंधन और शिरोमिण अकाली दल-बसपा मुख्य मुकाबले में नहीं हैं.
शिरोमणि अकाली दल के बारे में उनका मत है कि यह एक आदमी के परिवार की ही पार्टी बनकर रह गई है. संयुक्त समाज मोर्चा के बारे डॉक्टर आशुतोष का कहना है कि यह दल आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है. वह कहते हैं कि पिछले चुनाव में कुछ सीटों पर हार-जीत का मार्जिन बहुत कम था, इसलिए वह इस चुनाव को चन्नी बनाम भगवंत मान बता रहे हैं.
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