पंजाबी छात्र जसप्रीत सिंह के परिवार ने लगाया कॉलेज अथॉरिटी पर लापरवाही का आरोप

प्रतीकात्मक तस्वीर
परिवार की शिकायत है कि जसप्रीत के पिता मनमोहन सिंह के कई बार निवेदन करने के बाद भी कॉलेज अथॉरिटी जसप्रीत को फाइनल परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दे रहा था
- News18Hindi
- Last Updated: March 3, 2020, 3:21 PM IST
कोझिकोड. केरल में पढ़ रहे पंजाबी छात्र जसप्रीत सिंह रविवार को अपने घर के अंदर मृत पाए गए थे, उनके परिवारीजनों ने कोझिकोड के मालाबार क्रिस्चियन कॉलेज के मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जहां जसप्रीत इकोनॉमिक्स में ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे. बताया जा रहा है कि जसप्रीत फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाओं में न बैठ पाने के कारण कथित रूप से डिप्रेशन में थे और जिसकी वजह से उन्होंने अपनी जान ले ली.
परिवार की शिकायत है कि जसप्रीत के पिता मनमोहन सिंह के कई बार निवेदन करने के बाद भी कॉलेज अथॉरिटी जसप्रीत को फाइनल परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दे रहा था. उनके पिता के अनुसार, जसप्रीत की कॉलेज में उपस्थिति का प्रतिशत 68 था. उन्हें अपनी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार के लिए पंजाब आना पड़ा था.
जसप्रीत की बहन बलविंद कौर और गुरप्रीत कौर ने News18 को बताया, 'नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली से जाने वाली कई ट्रेनें निरस्त कर दी गई थीं, जिसकी वजह से हम वहां नहीं जा सके. कॉलेज को यह सूचना दे दी गई थी मगर कॉलेज प्रशासन ने उस कारण को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और जसप्रीत की एक सप्ताह की हाजिरी निरस्त कर दी गई.
यह जानने के बाद कि उसका पढ़ाई का एक साल बर्बाद होने जा रहा है, जसप्रीत को गहरा सदमा लगा. उसने खुदकुशी कर ली. जसप्रीत पढ़ाई में बहुत अच्छा था और पढ़ाई के साथ दूसरी गतिविधियों में भी सक्रिय रहता था.'जसप्रीत की बहनें सवाल उठाती हैं- 'जसप्रीत की उपस्थिति कम होने पर क्लास की प्रभारी शिक्षक का कहना था की पंजाबी तो पंजाब में भी पढ़ सकते हैं. यूनिवर्सिटी का दरवाजा खटखटाने से हमें कुछ भी हासिल नहीं हुआ. उसके दुनिया से जाने के बाद कॉलेज से हमें किसी ने भी फ़ोन नहीं किया है. क्या हमारे जैसे नागरिकों को न्याय नहीं मिलना चाहिए?'
जसप्रीत मालाबार क्रिस्चियन कॉलेज में बीए इकोनॉमिक्स का अंतिम वर्ष का छात्र था। उसका परिवार पिछले आठ वर्षों से केरल में रह रहा है. वह राष्ट्रीय कैडेट को (NCC) की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा था और आगे चल कर आईपीएस अधिकारी बनना चाहता था. लेकिन इस घटना ने उसके सारे सपने खाक हो गए.
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परिवार की शिकायत है कि जसप्रीत के पिता मनमोहन सिंह के कई बार निवेदन करने के बाद भी कॉलेज अथॉरिटी जसप्रीत को फाइनल परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दे रहा था. उनके पिता के अनुसार, जसप्रीत की कॉलेज में उपस्थिति का प्रतिशत 68 था. उन्हें अपनी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार के लिए पंजाब आना पड़ा था.
जसप्रीत की बहन बलविंद कौर और गुरप्रीत कौर ने News18 को बताया, 'नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली से जाने वाली कई ट्रेनें निरस्त कर दी गई थीं, जिसकी वजह से हम वहां नहीं जा सके. कॉलेज को यह सूचना दे दी गई थी मगर कॉलेज प्रशासन ने उस कारण को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और जसप्रीत की एक सप्ताह की हाजिरी निरस्त कर दी गई.
यह जानने के बाद कि उसका पढ़ाई का एक साल बर्बाद होने जा रहा है, जसप्रीत को गहरा सदमा लगा. उसने खुदकुशी कर ली. जसप्रीत पढ़ाई में बहुत अच्छा था और पढ़ाई के साथ दूसरी गतिविधियों में भी सक्रिय रहता था.'जसप्रीत की बहनें सवाल उठाती हैं- 'जसप्रीत की उपस्थिति कम होने पर क्लास की प्रभारी शिक्षक का कहना था की पंजाबी तो पंजाब में भी पढ़ सकते हैं. यूनिवर्सिटी का दरवाजा खटखटाने से हमें कुछ भी हासिल नहीं हुआ. उसके दुनिया से जाने के बाद कॉलेज से हमें किसी ने भी फ़ोन नहीं किया है. क्या हमारे जैसे नागरिकों को न्याय नहीं मिलना चाहिए?'
जसप्रीत मालाबार क्रिस्चियन कॉलेज में बीए इकोनॉमिक्स का अंतिम वर्ष का छात्र था। उसका परिवार पिछले आठ वर्षों से केरल में रह रहा है. वह राष्ट्रीय कैडेट को (NCC) की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा था और आगे चल कर आईपीएस अधिकारी बनना चाहता था. लेकिन इस घटना ने उसके सारे सपने खाक हो गए.
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