मुख्य संदिग्ध आजादबीर सिंह ने बताया कि वह गोल्डन टेंपल के आसपास और बम धमाके करना चाहता था.
एस. सिंह
चंडीगढ़: अमृतसर के गोल्डन टेंपल में 11 मई को हुए धमाकों के आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. कम तीव्रता वाले विस्फोटों की श्रृंखला में मुख्य संदिग्ध आजादबीर सिंह ने बताया कि वह गोल्डन टेंपल के आसपास और बम धमाके करना चाहता था. आजादबीर सिंह को उसके चार साथियों अमरीक सिंह, धर्मेंद्र सिंह, हरजीत सिंह और पटाखा कारोबारी साहिब सिंह सहित अदालत में पेश किया गया. पांचों आरोपियों की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने 11 मई को गोल्डन टेंपल की गुरु राम दास सराय के पीछे तीसरे विस्फोट के बाद गिरफ्तारी के दौरान आजादबीर के कब्जे से 1.1 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया था. अधिकारी ने कहा कि अगर उसे तीसरे विस्फोट के बाद गिरफ्तार नहीं किया गया होता, तो उसने धर्मस्थल के पास इस तरह के और विस्फोटों की योजना बनाई थी. आरोपियों ने कच्चे बम तैयार करने के लिए एक कंटेनर के साथ पत्थरों और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया था. सफल प्रयास के बाद उत्साहित आजादबीर ने धर्मेंद्र और हरजीत सिंह के माध्यम से साहिब सिंह से 5,000 रुपये में पटाखे बनाने में इस्तेमाल होने वाला पोटेशियम और सल्फर खरीदा और बम तैयार करना शुरू कर दिए.
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आजादबीर और अमरीक मुख्य आरोपी
जांच के अनुसार आजादबीर और अमरीक सिंह विस्फोटों के मुख्य आरोपी थे, जबकि धर्मेंद्र सिंह, हरजीत सिंह और साहिब सिंह ने विस्फोटकों का इंतजाम किया था. दोनों की मुलाकात दरबार साहिब में हुई थी, जहां वे स्वयंसेवी थे, जबकि आजादबीर धर्मेंद्र से एक नशा मुक्ति केंद्र में मिला था. पांच संदिग्धों में से चार नशे के आदी थे.
अमृतपाल सिंह को समर्थन देना था मकसद
धमाकों के पीछे का मकसद पंजाब को तंबाकूमुक्त बनाने के अलावा असम जेल में बंद खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह को समर्थन देना था. पुलिस ने इनके कब्जे से विस्फोटकों के अलावा कुछ भड़काऊ दस्तावेज भी बरामद किए हैं. पुलिस ने विस्फोटक अधिनियम और आईपीसी की अन्य धाराओं के अलावा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम भी लगाया है.
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