अमृतसर के प्रापर्टी डीलर के घर में NIA की दबिश, आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का शक

राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA के अलावा अन्य एजेंसियों की भी नजर विदेशी फंडिंग पर भी है. (सांकेतिक तस्वीर)
Farmer Protest: किसानों के विरोध प्रदर्शन को हवा देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, NIA के साथ मिलकर काम कर रही हैं और विदेशों से मिल रही फंडिंग की कड़ियों को भी विभिन्न स्तरों पर खंगाला जा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 4, 2021, 8:21 PM IST
चंडीगढ़. पंजाब के अमृतसर शहर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency NIA) एक प्रापर्टी डीलर के घर रेड की है. बातया जा रहा है कि यह रेड किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल होने के अंदेशे से दी गई है. कोठी के मालिक महेश शर्मा ने बताया कि प्रापर्टी डीलर अमरजीत बच्चों सहित 8 महीने से किराए पर रह रहा है. NIA के अधिकारियों ने अभी तक मीडिया से इस रेड का खुलासा नहीं किया है. बताया जा रहा है कि NIA को आशंका है कि अमरजीत के परिवार का कोई सदस्य अपराधिक गतिविधियों में शामिल है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA के अलावा अन्य एजेंसियों की भी नजर विदेशी फंडिंग पर भी है. विरोध प्रदर्शन को हवा देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) आयकर विभाग (Income tax department) NIA के साथ मिलकर काम कर रही हैं. सूत्रों का कहना है कि फंडिंग की कड़ियों को विभिन्न स्तर पर खंगाला जा रहा है. देश के भीतर व बाहर इसके स्रोत तलाशने के लिए संबंधित एजेंसियो का समन्वय बना हुआ है.
आंदोलन में हो रही विदेशी फंडिंग को लेकर भी चल रही है जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय में 12 दिसंबर को एनआईए, ईडी, आईटी, सीबीआई और एफसीआरए डिवीजन के अधिकारियों की एक बड़ी बैठक हुई थी. इसके बाद ये प्लान तैयार हुआ कि सिख फॉर जस्टिस, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स की ओर से की जा रही फंडिंग पर ध्यान रखा जाए और इन संगठनों के जरिए भारत में किन NGO को मदद मिल रही है इस पर भी नजर रखी जाए.
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि किसान आंदोलन में सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे अलगाववादी संगठन पैसे के जरिए मदद कर रहे हैं. इस बाबत 15 दिसंबर 2020 को गृह मंत्रालय की शिकायत पर एक एफआईआर दर्ज की गई.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA के अलावा अन्य एजेंसियों की भी नजर विदेशी फंडिंग पर भी है. विरोध प्रदर्शन को हवा देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) आयकर विभाग (Income tax department) NIA के साथ मिलकर काम कर रही हैं. सूत्रों का कहना है कि फंडिंग की कड़ियों को विभिन्न स्तर पर खंगाला जा रहा है. देश के भीतर व बाहर इसके स्रोत तलाशने के लिए संबंधित एजेंसियो का समन्वय बना हुआ है.
आंदोलन में हो रही विदेशी फंडिंग को लेकर भी चल रही है जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय में 12 दिसंबर को एनआईए, ईडी, आईटी, सीबीआई और एफसीआरए डिवीजन के अधिकारियों की एक बड़ी बैठक हुई थी. इसके बाद ये प्लान तैयार हुआ कि सिख फॉर जस्टिस, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स की ओर से की जा रही फंडिंग पर ध्यान रखा जाए और इन संगठनों के जरिए भारत में किन NGO को मदद मिल रही है इस पर भी नजर रखी जाए.
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि किसान आंदोलन में सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे अलगाववादी संगठन पैसे के जरिए मदद कर रहे हैं. इस बाबत 15 दिसंबर 2020 को गृह मंत्रालय की शिकायत पर एक एफआईआर दर्ज की गई.