एस. सिंह
चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला जेल में मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर दिन में सात तरह का आहार दिए जाने की सिफारिश की गई है. जेल की नियमावली के मुताबिक, चिकित्सकों की राय पर कैदी को भोजन मुहैया करवाना जेल प्रशासन की जिम्मेदारी होती है और उसका खर्च भी जेल प्रशासन को ही उठाना पड़ता है. यहां आपको बताने जा रहे हैं कि भोजन के बारे में पंजाब जेल की नियमावली क्या कहती है.
नियमावली के अनुसार, जेल की दैनिक दिनचर्या सूर्योदय और सूर्यास्त द्वारा नियंत्रित होती है. जेल अधिकारी सूर्यास्त के बाद कैदियों को भोजन नहीं परोस सकते, सिवाय उन मामलों के जहां कैदी को स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण विशेष छूट मिली हो. हालांकि कैदियों को अपना खाना अपने बर्तनों में रखने की अनुमति होती है. वे सूर्यास्त के बाद भी अपनी पसंद के समय पर भोजन ले सकते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़ स्थित मॉडल बुडै़ल जेल के एक वरिष्ठ जेल अधिकारी का कहना है कि कैदियों को दिन में तीन बार भोजन दिया जाता है, जिसमें एक सुबह का भोजन, एक दोपहर का भोजन और एक शाम का भोजन शामिल है.
जेल में मिलता है तीन बार भोजन
1960 में लिखी गई पंजाब जेल नियमावली के अध्याय 32 की धारा 811 के मुताबिक, जेल में तीन तरह के भोजन के बारे में बताया गया है. सुबह के भोजन में ‘आधा पाव रोटी, आधा टुकड़ा मक्खन और एक कटोरी दाल’ शामिल है. दोपहर का भोजन पका हुआ और उबले हुए अनाज से बना होता है और शाम के खाने में एक कटोरी सब्जी के साथ रोटी भी शामिल होती है. चिकित्सा अधिकारी की सलाह पर सुबह और दोपहर के भोजन को आपस में बदला जा सकता है.
सुबह के भोजन में चाय, चना/रोटी और मक्खन
पंजाब जेल के एक अधिकारी ने कहा कि नियमावली में नाश्ता, दोपहर का भोजन या रात का खाना जैसे शब्द नहीं हैं. हालांकि भोजन परोसने का समय सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भोजन की प्रकृति बदल गई है. शाकाहारी कैदियों को सुबह के भोजन में चाय, चना/रोटी और मक्खन दिया जाता है. मांसाहारी लोगों को ब्रेड/चना की जगह अंडे दिए जाते हैं. कैदियों को मध्याह्न भोजन में सुबह 10 बजे के आसपास चावल, चपाती और दाल मिलती है. शाम के भोजन में चावल, चपाती और सब्जी का व्यंजन दिया जाता है. शाकाहारी और मांसाहारी लोगों के लिए दोपहर और शाम के भोजन में कोई अंतर नहीं है.
सिद्धू को खाने में क्या मिलेगा?
नियमावली के अध्याय 32 की धारा 814 के अनुसार चिकित्सा अधिकारी एक कैदी को उसकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए एक विशेष आहार की अनुमति दे सकता है. पटियाला में राजेंदरा अस्पताल द्वारा स्थापित एक मेडिकल बोर्ड ने नवजोत सिंह सिद्धू के लिए भोजन में सात आहार निर्धारित किये हैं. इसमें कई तरह के जूस और एक दिन में केवल मिश्रित अनाज की रोटी शामिल है.
कैदी को खाना पकाने की अनुमति
पूर्व पुलिस महानिदेशक (जेल) शशि कांत ने कहा कि जेल प्रशासन का कर्तव्य है कि यदि आवश्यक हो तो एक कैदी को निर्धारित आहार प्रदान करना चाहिए. उन्होंने बताया कि सभी खर्च जेल विभाग द्वारा वहन किया जाता है. एक सेवारत जेल अधिकारी ने कहा कि जेल प्रशासन एक कैदी को अपना खाना पकाने की अनुमति भी दे सकता है. इसके बाद कैदी को जेल की कैंटीन से जलाऊ लकड़ी और लकड़ी का कोयला सहित कच्चा माल खरीदना होता है.
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