NCRB की रिपोर्ट के अनुसार तस्करी के लिए ड्रग्स रखने की श्रेणी में पंजाब सबसे ऊपर है. (Image: Alamy Stock Photo)
चंडीगढ़. पंजाब में हर एक लाख जनसंख्या में 33 लोग नशे की तस्करी में शामिल हैं. हालांकि तस्करी के मामले में शीर्ष पर रहने के बावजूद दर्ज प्राथमिकी के मामले में पंजाब देश में तीसरे स्थान पर है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी किए गए वर्ष 2021 के सभी राज्यों के अपराध के आंकड़ों से पता चलता है कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत 10,432 प्राथमिकी के साथ उत्तर प्रदेश शीर्ष पर था, उसके बाद महाराष्ट्र में 10,078 मामले थे जबकि पंजाब में 9,972 मामले थे.
एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसा कि जनसंख्या के साथ अपराध बढ़ता है, अपराध में वृद्धि या कमी का आकलन करने के लिए प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध (अपराध दर) एक बेहतर संकेतक हो सकता है. पुलिस डेटा ऊपर की ओर बढ़ना अपराध में वृद्धि को इंगित करता है. उपभोग के लिए मादक द्रव्य रखने की श्रेणी में राज्य कुल मिलाकर देश में छठे स्थान पर है. इसने 4,206 मामले (कुल 9,972 में से) दर्ज किए, लेकिन प्रति लाख खपत की दर 13.8 है. जिसका अर्थ है कि दिए गए एक लाख व्यक्तियों में से लगभग 14 व्यक्ति ड्रग्स उपभोक्ता होंगे.
तस्करी के लिए ड्रग्स रखने की श्रेणी में पंजाब सबसे ऊपर है. एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि तस्करी के लिए ड्रग्स रखने वाले व्यक्तियों के खिलाफ 5,766 मामले (कुल 9,972 में से) दर्ज किए गए थे. नशीली दवाओं की तस्करी में लिप्त प्रति लाख 19 व्यक्तियों की दर देश में सबसे अधिक है. नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल प्रति लाख 14.7 व्यक्तियों के साथ हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर है.
2016-2018 तक केस दर्ज करने के मामले में पंजाब देश में सबसे ऊपर है. यह 2019 और 2020 में देश में दूसरे स्थान पर था. राज्य में ड्रग तस्करी एक बहुचर्चित सामाजिक, आपराधिक और राजनीतिक मुद्दा बनी हुई है. यह घटना इतनी बढ़ गई थी कि सरकार को नशीली दवाओं के खिलाफ एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
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