पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब सरकार ने मंगाई खास मशीनें, 8 हजार नोडल अफसर नियुक्त किए

पंजाब के गांवों में पराली के निपटारे के लिए 23 हजार 500 रुपये और मशीनें भी मुहैया कराई जा रही हैं. (PTI)
ये नोडल अफसर (Nodal Officers) 15 नंवबर तक गांवों में अपनी ड्यूटी निभाएंगे. ये अधिकारी सहकारिता, राजस्व, ग्रामीण विकास व पंचायत, कृषि बागवानी, मृदा संरक्षण विभागों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर काम करेंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: October 5, 2020, 2:14 PM IST
चंडीगढ़. खरीफ फसलों के मौसम में पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) ने राज्यभर में धान का उत्पादन करने वाले गांवों में 8000 नोडल अफसरों की नियुक्ति की है. पराली के निपटारे के लिए 23 हजार 500 रुपये और मशीनें भी मुहैया कराई जा रही हैं. सीएम ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ कोविड-19 महामारी (Covid-19) के और खतरनाक स्तर पर जाने की आशंका है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- 'सरकार पहले ही सावधान कर चुकी है कि महामारी के दौरान पराली जलाने से सांस की दिक्कतें और बढ़ेंगी. इससे फेफड़ों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोग और ज्यादा परेशान होंगे.' कैप्टन ने कहा कि हमने पीएम मोदी के पास कई बार ये मांग उठाई है कि पराली का निपटारा करने पर आने वाले खर्च की भरपाई की जाए. राज्य सरकार ने केंद्र से मांग की है कि किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा दिया जाए. ताकि वे पराली को जलाए बिना उसका निपटारा कर सके.
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नोडल अफसर क्या करेंगे?ये नोडल अफसर 15 नंवबर तक गांवों में अपनी ड्यूटी निभाएंगे. ये अधिकारी सहकारिता, राजस्व, ग्रामीण विकास व पंचायत, कृषि बागवानी, मृदा संरक्षण विभागों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर काम करेंगे. मोबाइल ऐप से लैस ये अफसर जमीन ठेके पर देने वालों की लिस्ट तैयार करेंगे और हर एक को सावधान करेंगे कि अगर उनकी जमीन पर पराली जलाई गई, तो एक्शन लिया जाएगा.
गांव में फैलाएंगे जागरुकता
इसके अलावा ये नोडल अफसर गांवों में पराली नहीं जलाने को लेकर जागरुकता फैलाएंगे. पैंपलेट बांटकर, गुरुद्वारों में उद्घोष करके और पोस्टर छपवाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया जाएगा.
टोल फ्री नंबर भी जारी
सरकार ने इसके साथ ही किसानों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 जारी की है. जिसमें पराली के निपटारे के लिए किसानों के सवालों का जवाब दिया जाएगा और उनकी समस्याएं दूर की जाएंगी.
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किसानों को दी जा रही हैं मशीनें
इस साल किसानों को 23 हजार 500 रुपये और कृषि मशीनें व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो 50 से 80 फीसदी सब्सिडी पर मिल रही हैं. पिछले 2 साल में पराली को खेत में ही निपटारे के लिए 51 हजार मशीनें दी गईं.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- 'सरकार पहले ही सावधान कर चुकी है कि महामारी के दौरान पराली जलाने से सांस की दिक्कतें और बढ़ेंगी. इससे फेफड़ों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोग और ज्यादा परेशान होंगे.' कैप्टन ने कहा कि हमने पीएम मोदी के पास कई बार ये मांग उठाई है कि पराली का निपटारा करने पर आने वाले खर्च की भरपाई की जाए. राज्य सरकार ने केंद्र से मांग की है कि किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा दिया जाए. ताकि वे पराली को जलाए बिना उसका निपटारा कर सके.
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नोडल अफसर क्या करेंगे?ये नोडल अफसर 15 नंवबर तक गांवों में अपनी ड्यूटी निभाएंगे. ये अधिकारी सहकारिता, राजस्व, ग्रामीण विकास व पंचायत, कृषि बागवानी, मृदा संरक्षण विभागों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर काम करेंगे. मोबाइल ऐप से लैस ये अफसर जमीन ठेके पर देने वालों की लिस्ट तैयार करेंगे और हर एक को सावधान करेंगे कि अगर उनकी जमीन पर पराली जलाई गई, तो एक्शन लिया जाएगा.
गांव में फैलाएंगे जागरुकता
इसके अलावा ये नोडल अफसर गांवों में पराली नहीं जलाने को लेकर जागरुकता फैलाएंगे. पैंपलेट बांटकर, गुरुद्वारों में उद्घोष करके और पोस्टर छपवाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया जाएगा.
टोल फ्री नंबर भी जारी
सरकार ने इसके साथ ही किसानों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 जारी की है. जिसमें पराली के निपटारे के लिए किसानों के सवालों का जवाब दिया जाएगा और उनकी समस्याएं दूर की जाएंगी.
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किसानों को दी जा रही हैं मशीनें
इस साल किसानों को 23 हजार 500 रुपये और कृषि मशीनें व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो 50 से 80 फीसदी सब्सिडी पर मिल रही हैं. पिछले 2 साल में पराली को खेत में ही निपटारे के लिए 51 हजार मशीनें दी गईं.