बड़ी खबर: पंजाब में महंगा होगा पेट्रोल-डीजल, हर लीटर पर लगेगा 25 पैसा ढांचागत विकास शुल्क

पंजाब सरकार को इससे 216.16 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
पंजाब सरकार (Punjab Government) ने कैबिनेट की बैठक में पेट्रोल (Diesel), डीजल (Petrol) और अचल संपत्ति की बिक्री पर विशेष बुनियादी संरचना विकास शुल्क लगाने की सोमवार को मंजूरी दे दी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 12, 2021, 12:41 AM IST
चंडीगढ़. पंजाब मंत्रिमंडल (Panjab Cabinet) ने पेट्रोल (Diesel), डीजल (Petrol) और अचल संपत्ति की बिक्री पर विशेष बुनियादी संरचना विकास शुल्क लगाने की सोमवार को मंजूरी दे दी. इस निर्णय का उद्देश्य राज्य भर में समग्र बुनियादी ढांचे के विकास को और गति देना है. इससे 216.16 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
एक सरकारी बयान के अनुसार, इस प्रावधान के तहत होने वाली वसूली को पंजाब इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (पीआईडीबी) के विकास कोष में जमा किया जायेगा. इसके तहत राज्य के भीतर पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 0.25 रुपये प्रति लीटर की दर से शुल्क लगेगा. इसी तरह, राज्य में अचल संपत्ति की खरीद के मूल्य के प्रत्येक 100 रुपये के लिये 0.25 रुपये की दर से विशेष शुल्क भी लगाया जायेगा.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (CM Amrinder Singh) के अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2002 में कुछ संशोधनों के लिये एक अध्यादेश की घोषणा की. पंजाब मंत्रिमंडल ने व्यापारियों के लिये लंबित बकाया राशि की एकमुश्त निपटान योजना को भी मंजूरी दे दी. बयान में कहा गया कि इस योजना को एक फरवरी से पूरे राज्य में लागू किया जायेगा. इसका सरकारी खजाने पर 121.06 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा.
यही नहीं, ऐसे सभी डीलर जिनके मूल्यांकन 31 दिसंबर 2020 तक किये गये हैं, वे 30 अप्रैल तक इस योजना के तहत लाभ के लिये आवेदन कर सकते हैं. 2017 में जीएसटी आने से पहले तक जिन व्यापारियों के सी फार्म के केस सैटल नहीं हो पा रहे थे. नई योजना के अनुसार एक लाख रुपये तक टैक्स वाले व्यापारी को न तो ब्याज देना होगा और न ही पेनाल्टी. जबकि टैक्स में उसे 90 फीसदी छूट मिलेगी. एक से पांच लाख तक के टैक्स वाले व्यापारी को ब्याज व पेनाल्टी से छूट दी गई है.
एक सरकारी बयान के अनुसार, इस प्रावधान के तहत होने वाली वसूली को पंजाब इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (पीआईडीबी) के विकास कोष में जमा किया जायेगा. इसके तहत राज्य के भीतर पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 0.25 रुपये प्रति लीटर की दर से शुल्क लगेगा. इसी तरह, राज्य में अचल संपत्ति की खरीद के मूल्य के प्रत्येक 100 रुपये के लिये 0.25 रुपये की दर से विशेष शुल्क भी लगाया जायेगा.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (CM Amrinder Singh) के अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2002 में कुछ संशोधनों के लिये एक अध्यादेश की घोषणा की. पंजाब मंत्रिमंडल ने व्यापारियों के लिये लंबित बकाया राशि की एकमुश्त निपटान योजना को भी मंजूरी दे दी. बयान में कहा गया कि इस योजना को एक फरवरी से पूरे राज्य में लागू किया जायेगा. इसका सरकारी खजाने पर 121.06 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा.
यही नहीं, ऐसे सभी डीलर जिनके मूल्यांकन 31 दिसंबर 2020 तक किये गये हैं, वे 30 अप्रैल तक इस योजना के तहत लाभ के लिये आवेदन कर सकते हैं. 2017 में जीएसटी आने से पहले तक जिन व्यापारियों के सी फार्म के केस सैटल नहीं हो पा रहे थे. नई योजना के अनुसार एक लाख रुपये तक टैक्स वाले व्यापारी को न तो ब्याज देना होगा और न ही पेनाल्टी. जबकि टैक्स में उसे 90 फीसदी छूट मिलेगी. एक से पांच लाख तक के टैक्स वाले व्यापारी को ब्याज व पेनाल्टी से छूट दी गई है.