पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरदासपुर और पठानकोट में किसी भी तरह के खनन करने पर रोक लगा दिया है. (सांकेतिक तस्वीर)
चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के गुरदासपुर व पठानकोट जिलों में सभी तरह की माइनिंग पर रोक लगा दी है. सोमवार को इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि जिस तरीके से पंजाब में नदियों के किनारे अवैध खनन हो रहा है वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है. इसलिए कोर्ट ने इन दोनों जिलों में खनन पर रोक लगा दी है. इस मामले में बीएसएफ ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खनन को लेकर सवाल उठाए थे और कहां था इससे सीमा पर सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है. इस पर जवाब दाखिल करने के लिए पंजाब सरकार ने 2 हफ्ते का वक्त मांगा है.
अपनी रिपोर्ट में बीएसएफ ने कहा था कि खनन सूर्योदय से पहले शुरू होता है और देर रात तक चलता है. कभी-कभी तो यह रात भर चलता रहता है. बीएसएफ का कहना है अवैध खनन में सैकड़ों मजदूर कार्य करते हैं, जिनकी शिनाख्त भी चिंता का एक विषय है. हाल के दिनों में पाकिस्तान से कई ड्रोन घुसपैठ हुई हैं जहां प्रतिबंधित पदार्थ और हथियार और गोला-बारूद की तस्करी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है.
बेंच ने कहा था कि इस मुद्दे पर सेना, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, साथ ही साथ राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और जल संसाधन विभाग, नदी विकास और विभाग से अन्य रिपोर्टों का इंतजार है. उस क्षेत्र में पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट भी अदालत में प्रस्तुत करने के लिए तैयार की जानी थी. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख तय की थी. यह मामला गुरबीर सिंह पन्नू द्वारा 2012 में दायर एक याचिका पर उच्च न्ययालय में पहुंचा है. वह अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से नीलामी की मांग कर रहे थे.
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