(दीपक बिष्ट)
मानसाः पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की पुलिस सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है. जांच एजेंसियों को ऐसे इनपुट मिले हैं कि लॉरेंस के साथी गैंगस्टर उसे फरार कराने की कोशिश में जुटे हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई को पुलिस की कैद से छुड़ाने के लिए उसका जिगरी दोस्त गोल्डी बरार पंजाब में फैले अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करने में जुटा है. इस काम के लिए उसने अपने कई गुर्गों को लगाया है. काला जठेड़ी गैंग भी ऐसी ही कोशिश में लगा हुआ है.
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इन दिनों पंजाब पुलिस की कस्टडी में है. जब से लॉरेंस बिश्नोई का नाम सिद्धू मूसेवाला की हत्या में खुलकर सामने आया था, तभी से ऐसी खबरें खुफिया एजेंसियों को मिल रही हैं कि उसके गैंग के लोग उसे फरार कराने की कोशिश कर सकते हैं. पहले तिहाड़ जेल में कैद लॉरेंस को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ की थी. उसके बाद उसे जब भी कोर्ट में पेशी के लिए लाया जाता है, तब पुलिस को उसकी सुरक्षा के लिए भारी-भरकम कवायद करनी पड़ती है. दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस, दोनों ने ही लॉरेंस बिश्नोई के लिए बड़ा सुरक्षा बेड़ा तैयार किया है.
सूत्र बताते हैं कि लॉरेन्स बिश्नोई पहले जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की कस्टडी में था, तो गोल्डी बरार का प्लान फ्लॉप हो गया था. अब उसने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में बैठे अपने गुर्गों से लॉरेन्स बिश्नोई को कोर्ट ले जा रही जांच एजेंसियों पर नजर रखने के लिए कहा है. इसके मद्देनजर पुलिस ने उसकी सुरक्षा बढ़ा दी है. हालात ये हैं कि लॉरेंस बिश्नोई को जब 27 जून को मानसा कोर्ट में पेश किया जाना था, उसकी पेशी से पहले पंजाब पुलिस ने डमी सुरक्षा घेरा बनाकर गाड़ियों का काफिला कोर्ट पहुँचा दिया ताकि अगर गैंगस्टर कोई साजिश रच रहे हों तो उनका प्लान कामयाब न हो सके. इस डमी काफिले के 20 मिनट बाद लॉरेंस बिश्नोई को तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों की सुरक्षा में कोर्ट लाया गया. पुलिस के काफिले में एक जैसी दिखने वाली दो बख्तरबंद गाड़ियां भी शामिल थीं. इन्हीं में से किसी में शायद लॉरेंस था. दो गाड़ियों के एकसाथ बाहर आने से ये अंदाजा लगाना मुश्किल था कि लॉरेंस को किस बख्तरबंद गाड़ी में बिठाया गया था.
लॉरेंस बिश्नोई की फरारी के खतरे को देखते हुए पंजाब पुलिस उसे हर बार अलग-अलग समय पर कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाती दिखी. लॉरेंस को जब दिल्ली से मानसा कोर्ट लाया गया था तो उसे रात को पेश किया गया. उसके बाद अगली कस्टडी की मांग करने के लिए सुबह के 4 बजे का उसे कोर्ट पहुंचाया गया. 27 जून को जब उसकी पेशी हुई तो शाम साढ़े 5 बजे का समय चुना गया. इस दौरान भी डमी काफिला लाया गया था. पेशी से पहले दूर-दूर सादी वर्दी में पुलिस तैनात थी. किसी को भी कोर्ट के आसपास फटकने नही दिया गया. पेशी के बाद उसे कड़ी सुरक्षा में रातोंरात अमृतसर पहुँचा दिया गया.
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