रियल स्टेट कारोबारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
एस. सिंह
चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) के रियल एस्टेट (real estate) डेवलपर्स और प्रॉपर्टी डीलरों अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने लुधियाना के मिनी सचिवालय में धरना प्रदर्शन किया. व्यवसायियों ने बैनर और काले झंडे के साथ डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. इस दौरान व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिला और अपनी मांगों का ज्ञापन दिया और मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह उनका अंतिम अल्टीमेटम है और अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे किसी भी जिले में कोई रजिस्ट्री नहीं होने देंगे.
बार-बार अनुरोध पर भी सुनवाई नहीं
पंजाब कॉलोनाइजर्स एंड प्रॉपर्टी डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह लांबा ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि यह बहुत दुखद है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान से हमारी शिकायतों को सुनने और हल करने के हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद हमारी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) जैसी पार्टी से इसकी उम्मीद कम से कम थी, जिसे रियल एस्टेट सेक्टर के बिज़नेसमेन ने पंजाब में सत्ता में आने के लिए हर तरह से समर्थन किया ताकि हमारे लिए स्थिति बदल सके. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रियल एस्टेट सेक्टर के कारोबार की स्थिति अब तक सबसे खराब हो गई है और रियल एस्टेट कारोबार पूरी तरह से बंद हो गया है.
क्या है कारोबारियों की मांगें
लांबा ने यह भी कहा कि पंजाब के संपत्ति डीलरों और रियल एस्टेट डेवलपर्स की दो प्रमुख मांगों में रजिस्ट्री के लिए एनओसी को अनिवार्य करने के निर्णय को वापस लेना और कलेक्टर दरों को कम करना शामिल है. साथ ही प्रॉपर्टी डीलिंग में कारोबारियों पर दर्ज एफआईआर को भी तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए. हमारा आज का विरोध राज्य सरकार के लिए सिर्फ एक ट्रेलर था. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द हमारी मांगों को नहीं मानती है तो वे अपना संघर्ष और तेज करेंगे.
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