चंडीगढ़. पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव 23 जून को है. आम आदमी पार्टी (आप) के लिए यह उपचुनाव कई मायनों में अहम है. एक तरह से संगरूर उपचुनाव आप के लिए ‘लिटमस टेस्ट’ की तरह है. सत्ता में आने के बाद पार्टी की यह पहली चुनावी लड़ाई होगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए तो यह अग्नि परीक्षा के समान है. धूरी विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने से पहले वह संगरुर लोकसभा सीट से ही सांसद थे. लोकसभा में आप की तरफ से मान ही इकलौते सांसद थे, तो ऐसे में इस उपचुनाव की अहमियत को समझा जा सकता है.
वैसे संगरूर लोकसभा सीट को आप का गढ़ माना जाता है. इस सीट से भगवंत मान 2 बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. दोनों ही बार उन्होंने 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी. 2022 के विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र की सभी 9 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में मुताबिक, विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए आप को उम्मीद है कि वह आराम से संगरूर सीट पर जीत का परचम लहरा लेगी.
दूसरी ओर आप ने विधानसभा चुनाव के समय जो-जो वादे किए थे, सत्ता में आने के बाद उस पर आहिस्ता-आहिस्ता अमल भी कर रही है. हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोप में मुख्यमंत्री मान ने स्वास्थ्य मंत्री को पद से हटा दिया. पार्टी ने अपने इस कदम के जरिए भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की अपनी नीति को खुलकर जाहिर किया है. इससे अधिकारियों और मंत्रियों के साथ जनता तक अपने संदेश को स्पष्ट तरीके से पहुंचाने में मदद मिली है.
कौन होगा उम्मीदवार
संगरूर लोकसभा सीट से आप का उम्मीदवार कौन होगा, इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है. कयास लगाए जा रह हैं कि इस सीट से जो भी उम्मीदवार पार्टी की तरफ से खड़ा होगा, उस पर भगवंत मान की पसंद का ख्याल जरूर रखा जाएगा. इस क्षेत्र में मान का बेहद प्रभाव है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मान की बहन मनप्रीत कौर टिकट की तगड़ी दावेदार हैं. मनप्रीत विधानसभा चुनाव में बेहद एक्टिव रही हैं. मगर हो सकता है कि मनप्रीत के नाम पर पार्टी के नेता सहमत न हों, क्योंकि अगर उन्हें टिकट दिया जाता है तो यह पार्टी के संविधान के खिलाफ होगा.
‘वंशवाद की राजनीति के खिलाफ’
आप का संविधान वंशवाद की राजनीति के पूरी तरह खिलाफ है. किसी भी नेता के किसी रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया जा सकता. लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान फरीदकोट से आप के पूर्व सांसद प्रोफेसर साधु सिंह की बेटी डॉ. बलजीत कौर को टिकट दिया गया. वह चुनाव जीतीं और मान मंत्रीमंडल में शामिल भी हुईं. वहीं मान की बहन ने साफ कर दिया है कि पार्टी ही फैसला लेगी कि संगरूर से कौन उम्मीदवार होगा. वहीं आप के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग का कहना है कि पार्टी संगरूर लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है.
अन्य दलों की तैयारी
इस दौरान, भारतीय जनता पार्टी के गुरमीत सिंह सोढ़ी ने बीते गुरुवार को बताया कि उनकी पार्टी संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव लड़ने के लिए तैयार है. सोढ़ी ने कहा कि अगले एक हफ्ते के अंदर पार्टी अपने प्रत्याशी की घोषणा कर देगी. वहीं शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने पहले ही संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. उधर कांग्रेस के कई नेताओं ने आगामी उपचुनाव को लेकर बैठक की है.
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