चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारियों के इस हमले में 13 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें 4 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. (फोटो- News18)
चंडीगढ़. पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान राजधानी चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई. इस दौरान जमकर पथराव हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थर बरसाए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया तथा वाटर कैनन का भी प्रयोग किया. हालांकि इससे प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए और तलवारें तथा डंडे लेकर पुलिस पर हमला कर दिया. इस दौरान प्रदर्शकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की.
प्रदर्शनकारियों के हमले में 13 पुलिसकर्मी घायल
हालात बिगड़ती देख पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है और चंडीगढ़ में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के हमले में 13 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें 4 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है. घायल पुलिसवालों को उपचार के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
लाठी-डंडों और तलवार से पुलिस पर हमला
चंडीगढ़ के डीजीपी ने इस घटना की जानकारी देते हुए कहा, ‘कई प्रदर्शनकारियों के पास लाठी-डंडे, रॉड और तलवार थे. इन प्रदर्शनकारियों को रोका गया तो उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. कुछ प्रदर्शनकारी घोड़ों पर सवार होकर आए थे जिनमें निहंगों के दल भी थे. उनके पास भी तलवार थे, जिससे पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं.’
प्रदर्शनकारियों की क्या थी मांग
बता दें कि चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर के वाईपीएस चौक पर कौमी इंसाफ मोर्चा के बैनर तले पिछले 33 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है. इन प्रदर्शनकारियों की मुख्य रूप से चार मांगे हैं, जिसमें 9 बंदी सिखों की रिहाई, 328 गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप लापता होने पर इंसाफ, बेअदबी की घटनाओं में इंसाफ और सख्त कानून बनाने की मांग शामिल है.
इस मोर्चे की ओर से पिछले 3 दिनों से एक जत्था मुख्यमंत्री आवास की ओर रवाना किया जाता रहा है, जिसकी मांग जगतार सिंह हवारा (जो दिल्ली तिहाड़ जेल में बंद है) को प्रोडक्शन वारंट पर लाने की है. इस मोर्च से 31 जनों का जत्था सोमवार को, वहीं मंगलवार को 40 प्रदर्शनकारी सीएम आवास के लिए जा रहे थे. हालांकि दोनों ही दिन चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर 43 सेक्टर पास सड़क पर बैरीकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया जाता था. इस बीच बुधवार को भी पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन इस बार प्रदर्शनकारियों उग्र हो गए और पुलिसवालों पर धावा बोल दिया.
SGPC ने आप सरकार पर मढ़ा बवाल का दोष
वहीं इस बवाल को लेकर प्रदर्शकारियों ने सीएम भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाए हैं. शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘केजरीवाल मानसिक तौर पर सिखों के खिलाफ हैं. बंदी सिखों की रिहाई के लिए प्रोटेस्ट कर रहे लोगों पर आज पुलिस ने वाटर कैनन और लाठी चार्ज किया, हम इसका विरोध करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘प्रशासन का व्यवहार गलत था.आज के घटनाक्रम के लिए प्रशासन जिम्मेवार है. हम शांत तरीके से प्रदर्शन करते आ रहे, लेकिन प्रशासन हमारे धरने को नुकसान पहुंचाना चाहता था. पुलिस करवाई के चलते हमारे लोग घायल हुए, कई सिखों की दस्तार उतरी. हमारे लोगों में से कुछ ने मीडियाकर्मियों से बदसलूकी की, उसका हमें दुख है.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा जत्था कल भी जाएगा, लेकिन अगर पुलिस रोकेगी तो हम वहीं बैठ जाएंगे. सरकार की मंशा सिखों के मामले हल करने की नहीं है, इसीलिए आज की घटना हुई.
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