किसान आंदोलन में खालिस्तानियों की एंट्री का आरोप, भड़के सुखबीर बादल, बोले-ये अन्नदाता का अपमान

प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण सम्मान लौटा दिया है.
Farmer Protest: सुखबीर बादल ने कहा, 'किसानों के आंदोलन में बुजुर्ग महिलाएं हैं. क्या वे खालिस्तानियों की तरह दिखते हैं? यह देश के किसानों को देशद्रोही कहने का एक तरीका है.'
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 5:13 PM IST
चंडीगढ़/नई दिल्ली. नए कृषि बिल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmer Protest) के समर्थन में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) ने अपना पद्मविभूषण सम्मान लौटा दिया है. प्रकाश सिंह बादल के इस कदम के बाद प्रदेश के राजनेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल (Shiromani Akali Dal chief Sukhbir Badal) ने कहा, प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के लिए पूरे जीवन संघर्ष किया.
उन्होंने सरकार को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए अपना पुरस्कार लौटा दिया. किसानों को इन कानूनों की आवश्यकता नहीं है, तो भारत सरकार उन्हें मजबूर क्यों कर रही है? सुखबीर बादल ने कहा, 'किसान विरोध में बुजुर्ग महिलाएं हैं. क्या वे खालिस्तानियों की तरह दिखते हैं? यह देश के किसानों को देशद्रोही कहने का एक तरीका है. यह किसानों का अपमान है. वे हमारे किसानों को देश-विरोधी कैसे कहते हैं?'
किसानों ने राष्ट्र को समर्पित किया जीवन
केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए सुखबीर बादल ने कहा, 'क्या बीजेपी या किसी और को किसी को भी राष्ट्र-विरोधी घोषित करने का अधिकार है? इन लोगों (किसानों) ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है और अब आप उन्हें राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं. जो लोग उन्हें देशद्रोही कह रहे हैं वे वास्तव में देशद्रोही हैं.'
पंजाब के सीएम और शाह की मुलाकात
किसान आंदोलन पर किसान नेताओं और सरकार के बीच जहां बातचीत जारी है. जैसे-जैसे किसानों का आंदोलन तेज हो रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ रहा है. इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है.
ये भी पढ़ेंः- बैठक में किसानों ने नहीं खाया सरकार का दिया खाना, बोले- हम अपना खाना साथ लाए हैं
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी बादल परिवार की ओर से कृषि कानूनों का बड़ा विरोध किया गया था. हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और केंद्र के नए कानूनों को किसानों के साथ बड़ा धोखा बताया था.
उन्होंने सरकार को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए अपना पुरस्कार लौटा दिया. किसानों को इन कानूनों की आवश्यकता नहीं है, तो भारत सरकार उन्हें मजबूर क्यों कर रही है? सुखबीर बादल ने कहा, 'किसान विरोध में बुजुर्ग महिलाएं हैं. क्या वे खालिस्तानियों की तरह दिखते हैं? यह देश के किसानों को देशद्रोही कहने का एक तरीका है. यह किसानों का अपमान है. वे हमारे किसानों को देश-विरोधी कैसे कहते हैं?'
Parkash Singh Badal (former Punjab CM) fought for farmers for his entire life. He returned his award to send a strong message to the government. Farmers don't need these laws so why the Govt of India is forcing them on farmers?: Shiromani Akali Dal chief Sukhbir Badal to ANI https://t.co/b3kieAhllF pic.twitter.com/cyhrsfHnbw
— ANI (@ANI) December 3, 2020
किसानों ने राष्ट्र को समर्पित किया जीवन
केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए सुखबीर बादल ने कहा, 'क्या बीजेपी या किसी और को किसी को भी राष्ट्र-विरोधी घोषित करने का अधिकार है? इन लोगों (किसानों) ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है और अब आप उन्हें राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं. जो लोग उन्हें देशद्रोही कह रहे हैं वे वास्तव में देशद्रोही हैं.'
पंजाब के सीएम और शाह की मुलाकात
किसान आंदोलन पर किसान नेताओं और सरकार के बीच जहां बातचीत जारी है. जैसे-जैसे किसानों का आंदोलन तेज हो रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ रहा है. इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है.
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उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी बादल परिवार की ओर से कृषि कानूनों का बड़ा विरोध किया गया था. हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और केंद्र के नए कानूनों को किसानों के साथ बड़ा धोखा बताया था.