खालिस्तान समर्थक और अलगाववादी अमृतपाल सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए भागता फिर रहा है. (एएनआई फाइल फोटो)
रिपोर्ट- एस. सिंह
चंडीगढ़. पंजाब पुलिस ने बीते शनिवार यानी 121 घंटे से अलगाववादी नेता और “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह को हिरासत में लेने के लिए व्यापक अभियान छेड़ रखा है. इससे पहले दिन में अमृतपाल के कुछ सहयोगियों को महतपुर में हिरासत में लिया गया था, जबकि स्वयंभू सिख उपदेशक अपने सहयोगियों सहित वाहन से भागने में सफल रहा. राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रविवार को दोपहर तक पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं, जो अब दो जिलों को छोड़ कर बहाल कर दी गई हैं.
30 वर्षीय अमृतपाल सिंह ने पिछले 6-7 महीने पहले अलगाववादी नेता खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी उपदेशक के रूप में पंजाब में एंट्री की थी. अमृतपाल का जन्म 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ था. अमृतपाल ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और वह 2012 में अपने चाचा की ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने के लिए दुबई चला गया था. वह पंजाब के राजनेताओं और पुलिस के ध्यान में केवल छह महीने पहले आया था जब उसे अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख नियुक्त किया गया था.
अमृतपाल और उसके समर्थकों पर क्या मामले हैं, जहां से उपजा विवाद
“वारिस पंजाब दे” के कार्यकर्ता चार आपराधिक मामलों में शामिल हैं, जिनमें समाज में अस्थिरता फैलाने, इरादतन कत्ल, पुलिस मुलाजिमों पर हमला करने और सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटियों को कानूनी तरीके के साथ निभाने में विघ्न डालने संबंधी मामले शामिल हैं. गृह विभाग के अधिकारी ने कहा कि अजनाला पुलिस थाने पर हमले के लिए ‘डब्ल्यूपीडी’ के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुकदमा नंबर 39 तारीख 24-02- 2023 को दर्ज है. जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई में 154 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अमृतपाल फरार चल रहा है.
दीप सिद्धू का समर्थक है अमृतपाल
अमृतपाल और उनके समर्थकों का दावा है कि फरवरी 2022 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए सिद्धू की हत्या देश की एजेंसियों ने की थी. अमृतपाल कभी दीप सिद्धू से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिला, लेकिन उनका कहना है कि ऑनलाइन बातचीत में वह उनसे काफी प्रभावित था. अमृतपाल ने 2021 के गणतंत्र दिवस पर किसानों के आंदोलन के दौरान लाल किले पर विरोध प्रदर्शन के लिए दीप सिद्धू का समर्थन किया था. एक हफ्ते पहले सिद्धू की पहली पुण्यतिथि पर अमृतपाल ने कहा कि उन्होंने नवंबर 2021 में दिवंगत अभिनेता की सलाह पर अपने बालों को ट्रिम करना बंद कर दिया था. पिछले साल 25 सितंबर को अमृतपाल ‘अमृतधारी सिख’ बनने के लिए आनंदपुर साहिब में एक औपचारिक सिख बपतिस्मा अपनाया. ठीक चार दिन बाद 29 सितंबर को जरनैल सिंह भिंडरावाले के जन्मस्थान, रोड गांव में अमृतपाल की ‘दस्तारबंदी’ (एक जिम्मेदारी लेने का संकेत देने के लिए पगड़ी बांधने की रस्म) देखने के लिए बड़ी संख्या में सिख फिर से इकट्ठा हुए थे.
अमृतपाल की वेशभूषा ऐसे बदली
अमृतपाल का दुबई में क्लीन शेव ट्रांसपोर्टर से लंबी दाढ़ी वाले अलगाववादी सिख नेता में परिवर्तन तेजी से हुआ है. वह भिंडरावाले की तरह कपड़े पहनने लगा और लोग उसे भिंडरावाले 2.0 बुलाने लगे. हाल के एक भाषण में उसने कहा कि जब वह अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा तो ‘एजेंसियों’ द्वारा उससे काफी देर तक पूछताछ की गई थी. उन्होंने कहा कि एक सिख युवक से उसकी मातृभूमि लौटने के बारे में पूछताछ की जा रही है, यह ‘गुलामी’ का संकेत है.
लंबे समय से खालिस्तान का समर्थक रहा है
वह काफी समय से फेसबुक पर खालिस्तान का समर्थन कर रहा था. उन्होंने पूछा कि एक सिख के लिए खालिस्तान की मांग करना गलत क्यों है. एक पंजाबी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अमृतपाल ने कहा था कि 2015 में बरगाड़ी बेअदबी और बहिबल कलां पुलिस फायरिंग के बाद वह सिख सक्रियता की ओर आकर्षित हुआ था. दोनों घटनाएं शिरोमणि अकाली दल की निगरानी में हुई, जो सिखों का राजनीतिक संगठन है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में शिअद पार्टी की करारी हार हुई थी. ऐसा लगता है कि अमृतपाल पावर वैक्यूम भरने की उम्मीद कर रहा था.
1970 के दशक में इसी तरह की हालात में भिंडरावाले का उदय हुआ
अमृतपाल जो कपड़े पहनता है और खुद को भिंडरावाले की तरह पेश करता है. इसमें भिंडरावाले द्वारा पहनी जाने वाली पगड़ी भी शामिल है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अमृतपाल सिंह की शादी यूके में रहने वाली एनआरआई किरणदीप कौर से हुई है. अमृतपाल सिंह के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं, जिनमें से दो अभद्र भाषा से संबंधित हैं और एक अपहरण से संबंधित है.
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