सुरक्षा एजेंसियां कट्टर सिख नेता अमृतपाल सिंह के संभावित आईएसआई कनेक्शन की जांच कर रही हैं. (फोटो-इंस्टाग्राम)
चंडीगढ़. पंजाब में इन दिनों खालिस्तानी सहित कई आतंकी संगठनों के सदस्य सक्रिय नजर आ रहे हैं. साथ ही सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां भी लगातार पंजाब में हर हलचल पर नजर बनाई हुई हैं. हाल ही में कई प्रतिबंधित हथियार भी बरामद किये गए हैं. इस बीच शीर्ष खुफिया सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज 18 को बताया कि सुरक्षा एजेंसियां कट्टर सिख नेता अमृतपाल सिंह के संभावित आईएसआई कनेक्शन की जांच कर रही हैं, जिसने खुद को खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख व्यक्ति जरनैल सिंह भिंडरावाले के रूप में तैयार किया है.
अमृतपाल दस साल बाद पंजाब वापस आया है और दिवंगत अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए प्रेशर ग्रुप “वारिस पंजाब दे” का प्रमुख बन गया है. सिद्धू के परिवार ने अमृतपाल सिंह को इस पद के लिए चुनने से इनकार किया है. सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल पंजाब में गांव-गांव घूम रहा है और आजादी व सत्ता के खिलाफ बात कर रहा है. एजेंसियों को लगता है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से अमृत पाल सिंह का संबंध है. उसने पंजाब को एक बार फिर से अस्थिर करने की लंबी अवधि की रणनीति के तौर पर एक बार फिर यह भूमिका संभाली है.
सूत्रों ने बताया कि उसकी दस्तारबंदी (पगड़ी बांधने की रस्म) भी “खालिस्तान जिंदाबाद” के नारों के साथ हुई. शीर्ष खुफिया अधिकारियों का कहना है कि अमृतपाल दुबई से भारत आने से पहले जॉर्जिया गया था. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से उसकी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा था. मारे गए उग्रवादी नेता भिंडरावाले के गांव रोडे में अमृतपाल का लगातार आना और आजादी व खालिस्तान के बारे में उसका भाषण खुफिया एजेंसियों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है. सूत्रों ने कहा कि आईएसआई सिख नेतृत्व में खालीपन को भरने की कोशिश कर रहा है, जिसमें अमृतपाल सिंह एक राजनीतिक और धार्मिक नेता दोनों की भूमिका निभा रहा है.
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