चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक भविष्य इस कदर अधर में लटक गया है कि चंद दिन पहले जिन्हें वह रबड़ स्टैंप सीएम बता रहे थे, उन्हीं के पास सोमवार को पंजाब को कथित तौर पर आगे ले जाने की अपनी थ्योरियां लेकर पहुंचे थे. सिद्धू ने दावा किया कि उन्होंने भगवंत मान को सुझाव दिया कि कैसे शराब क्षेत्र से 25,000 करोड़ रुपये से 30,000 करोड़ रुपये तक की कमाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार सत्ता में थी तो मैं यही सुझाव देता था, लेकिन किसी ने नहीं सुना.
इसी बीच जब सिद्धू के सिर पर अनुशासनात्मक समिति की कार्रवाई की तलवार लटक रही है तो यह चर्चा है कि वह चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ हाथ मिला सकते हैं, जिन्होंने ‘जन सुराज’ लाने का संकल्प लेकर 2 अक्टूबर से बिहार में 3000 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की घोषणा की है. जानकारों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू कब और कहां पलट जाते हैं इस बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है. उनका अगला कदम क्या होगा इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.
सिद्धू ने CM मान को बताया जमीन से जुड़ा नेता
नवजोत सिंह सिद्धू ने 9 मई को चंडीगढ़ के सिविल सचिवालय में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मुलाकात करने के बाद उनकी जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा कि मान बहुत ही सहनशील व्यक्ति हैं, वह जमीन से जुड़े हुए हैं और उनमें कोई अहंकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं यहां पंजाब की समस्याओं को सुलझाने आया हूं. भगवंत मान में कोई अहंकार नहीं है. मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं किसी मुख्यमंत्री से मिल रहा हूं. मुख्यमंत्री मान के साथ अपनी बैठक को सकारात्मक बताते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि हमने कानून और व्यवस्था, वित्तीय आपातकाल, नशीली दवाओं की समस्या, ड्रग्स तस्करों और पुलिस के बीच गठजोड़ के बारे में बात की.
कांग्रेस कर सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई
अपने राजनीतिक करियर में संकट का सामना कर रहे नवजोत सिद्धू को अब नए मार्ग की तलाश है. क्योंकि वह जानते हैं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, तो उन्हें भी छोड़ा नहीं जाएगा. जानकारों की मानें तो अब पंजाब में कांग्रेस के पास अपना संगठन मजबूत करने के लिए लंबा समय है. ऐसे में सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो कांग्रेस को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जब चरणजीत सिंह चन्नी पर दांव लगाया तो नवजोत सिंह सिद्धू को निराशा हाथ लगी थी. इस बीच, सिद्धू ने एक बड़ा दावा किया था कि भाजपा छोड़ने से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनसे 70 बार मुलाकात कर कांग्रेस जॉइन करने का ऑफर दिया था.
नवजोत सिद्धू को PK ने कांग्रेस में शामिल कराया?
एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रशांत किशोर मुझसे कम से कम 70 बार मिले और कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा था. सिद्धू ने बताया कि प्रशांत किशोर पंजाब में कांग्रेस पार्टी की चुनावी संभावनाओं को लेकर आशंकित थे और उन्हें लगा कि मेरे जुड़ने से वोटों का एक बड़ा हिस्सा स्विंग करने में मदद मिलेगी. प्रशांत किशोर ने गत 2 मई को जब अपनी पार्टी बनाकर सक्रिय राजनीतिक में उतरने का ऐलान किया था तो, सिद्धू ने उत्साह से ट्वीट किया, ‘मेरे पुराने दोस्त पीके के साथ एक अद्भुत मुलाकात थी… पुरानी शराब, पुराना सोना और पुराने दोस्त अब भी सबसे अच्छे!!!’ उन्होंने ट्वीट के साथ पीके और अपनी एक तस्वीर भी शेयर की थी.
तो PK के लिए भीड़ खींचने का जरिया हैं सिद्धू?
पीके की टीम के करीबी सूत्रों का दावा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ‘जन सुरराज’ आंदोलन के लिए चुनावी रणनीतिकार के साथ हाथ मिला सकते हैं. न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से प्रकाशित एक खबर के मुताबिक बिहार में सिख समुदाय की बड़ी आबादी नहीं है, लेकिन पीके भीड़ खींचने के लिए सिद्धू को अपने साथ लाना चाहेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के एक राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार पांडेय कहते हैं कि पीके सिद्धू को पटना में सिख मतदाताओं पर नजर रखने के लिए अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही पांडेय ने यह भी कहा कि सिद्धू बिहार में सिख आबादी के बीच मजबूत राजनीतिक प्रभाव नहीं रखते हैं, जहां जाति समीकरण अब भी बड़ी भूमिका निभाते हैं.
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