नकोदर (पंजाब). पंजाब की नकोदर विधानसभा सीट (Nakodar Assembly Seat) जालंधर जिले और जालंधर संसदीय क्षेत्र (Jalandhar Lok Sabha) के अंतर्गत आने वाली ऐसी विधानसभा है जहां लंबे समय तक कांग्रेस का राज रहा है. लेकिन 2012 में यह सीट कांग्रेस (Congress) के हाथ से निकलकर शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के पास चली गई थी. 2017 के चुनावों में तो इस सीट पर कांग्रेस (Congress) जीतना तो दूर दूसरे नंबर की पार्टी भी नहीं बन पाई थी. कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी बनी तो दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने अपनी जगह बनाई थी.
दलित सिख वोटर करते हैं प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में नकोदर सीट पर अकाली दल के गुरुपर्ताप सिंह वडाला (Gurpratap Singh Wadala) ने अपने निकट प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के श्रवण सिंह हैयर को 18,407 मतों के अंतराल से हराया था. गुरुपर्ताप सिंह वडाला शिअद की टिकट पर इस सीट से लगातार दूसरी बार जीते थे.
अकाली दल के गुरपर्ताप सिंह वडाला को 56,241 (39.24%) वोट मिले थे और आम आदमी पार्टी के श्रवण सिंह हैयर को 37,834 (26.40%) वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी जगबीर सिंह बराड़ तीसरे नंबर पर रहे जिनको 35,633 (24.86%) मत प्राप्त हुए थे.
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इस सीट पर जातिगत समीकरण को देखा जाए तो नकोदर विधानसभा क्षेत्र (Nakodar Assembly Seat) में दलित सिख वोटर्स की संख्या बहुत ज्यादा है. जबकि यह सीट सामान्य श्रेणी वाली है. दलित वोटरों की संख्या अधिक होने की वजह से यहां पर प्रत्याशी की हार जीत का फैसला भी यही वोटर करते हैं. हालांकि हिंदू मतदाताओं की संख्या इस सीट पर ज्यादा नहीं है. कुछ फीसदी मतदाता ही इस समुदाय के हैं. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 1,93,655 है.
कांग्रेस ने इस सीट से छह बार लहराया विजय पताका
आमतौर पर इस सीट के चुनावी दंगल में कांग्रेस और शिअद ही मुकाबले में रही हैं. लेकिन 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) मजबूती के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. कांग्रेस का गढ़ मानी जानी वाली नकोदर सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो अब तक वह 6 चुनाव जीत चुकी है. साल 1977 और 1980 में यह सीट कांग्रेस ने जीती थी. लेकिन 1985 में अकाली दल के कुलिप सिंह वडाला इस सीट से विधायक चुने गए. इसके बाद फिर इस सीट को 1992 में कांग्रेस के उमराव सिंह ने जीता. और इस पर 2007 तक कांग्रेस का ही राज रहा.
अमरजीत सिंह समरा ने सीट पर बनाई जीत की हैट्रिक
साल 1997 में कांग्रेस के अमरजीत सिंह समरा ने 33,729 मतों के साथ बसपा के गुरबचन सिंह धीमान को हराकर जीत हासिल की थी. इसके बाद फिर 2002 में कांग्रेस के अमरजीत सिंह समरा ने ही 39,216 मतों के साथ अकाली दल गुरमीत सिंह दादुवल को हराकर जीत दर्ज की थी. वहीं तीसरी बार भी 2007 में कांग्रेस के अमरजीत सिंह समरा ने 44,255 मतों के साथ अकाली दल कुलदीप सिंह वडाला को हराकर जीत दर्ज करते हुए हैट्रिक बनाई थी. लेकिन 2012 और 2017 के चुनाव कांग्रेस लगातार हार रही है. इस सीट पर 1952 का चुनाव कामरेड हरकिशन सिंह सुरजीत ने जीता था.
संसदीय सीट पर कांग्रेस के चौधरी संतोख सिंह का कब्जा
नकोदर विधानसभा सीट जालंधर के अंतर्गत आती है और जालंधर संसदीय क्षेत्र (सुरक्षित) से कांग्रेस के सांसद चौधरी संतोख सिंह हैं. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के चरणजीत सिंह को 19,491 मतों से हराया था.
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