शाहकोट (पंजाब). पंजाब की शाहकोट विधानसभा सीट (Shahkot Assembly Seat) को इस बार बेहद ही महत्वपूर्ण सीट के रूप में देखा जा रहा है. इसके पीछे कारण यह है कि 2017 का विधानसभा चुनाव इस सीट से शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के अजीत सिंह कोहर (Ajit Singh Kohar) ने जीता था. लेकिन उनके निधन के चलते इस सीट पर उप-चुनाव कराए गए. इसमें कांग्रेस (Congress) ने अपनी जीत का परचम लहराया था. हालांकि इस सीट पर 2012 का चुनाव भी अकाली दल के पक्ष में ही रहा था. अजीत सिंह कोहर शाहकोट से पहले भी तीन बार लोहियां (Lohian) (2012 के परिसीमन के बाद शाहकोट) सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं.
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में शाहकोट सीट (Shahkot Seat) पर अकाली दल (Akali Dal) के अजीत सिंह कोहर ने कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी को 4905 मतों के अंतर से हराया था. अजित सिंह कोहर को 46,913 (34.66%) वोट हासिल हुए थे. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस तो तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) प्रत्याशी रहे. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या की बात करें तो 1,81,336 हैं.
कांग्रेस के हरदेव सिंह लाड़ी को 42,008 (31.04%) वोट मिले थे और आम आदमी पार्टी के अमरजीत सिंह मेहतपुर (Amarjit Singh Mehatpur) को 41,010 (30.30%) मत प्राप्त हुए थे. कोहर ने अपने निकट प्रतिद्वंदी लाडी को 4,905 वोटो के अंतराल से शिकस्त देते हुए लगातार दूसरी बार सीट पर कब्जा जमाया था. अकाली दल के अजीत सिंह कोहर ने 2012 में 55,875 मतों के साथ कांग्रेस के सी.डी सिंह कम्बोज को हराकर जीत दर्ज की थी.
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उप-चुनाव में अकाली दल नहीं बचा पाया सीट
इस बीच देखा जाए तो 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले इस सीट पर एक बार उप-चुनाव भी हुआ है. कोहर के निधन से यह सीट खाली हो गई थी. इस उप-चुनाव में कांग्रेस की ओर से हरदेव सिंह लाड़ी तो अकाली दल ने अजीत सिंह कोहर के बेटे नायब सिंह कोहर को मैदान में उतारा था. लेकिन अकाली दल इस सीट को नहीं बचा पाया. उप-चुनाव में उसको करारी हार मिली थी और सीट पर हरदेव सिंह लाड़ी ने 38,802 मतों से जीत का परचम लहराया था.
अजीत सिंह कोहर ने 1997 से लगातार पांच चुनाव जीते
शाहकोट सीट (Shahkot Assembly Seat) पर लंबे समय से अकाली दल का ही कब्जा रहा है. कांग्रेस सिर्फ 1992 में ही इस सीट से जीत पाई है. वह भी जब जीत पाई थी जब अकाली दल ने पंजाब में विधानसभा चुनावों का बायकाट किया हुआ था. 1997 के बाद अजीत सिंह कोहर चुनावी दंगल में उतरे और आखिरी समय तक वह बिना कोई चुनाव हारे लोहियां सीट से तीन बार और 2012 के परिसीमन के बाद बनी शाहकोट सीट से दो बार जीत दर्ज करते आए. अकाली दल की पंजाब सरकार में तमाम अहम विभागों के कैबिनेट मंत्री भी रहे.
अकाली दल BSP के साथ मिलकर लड़ेगा चुनाव
अकाली दल ने इस बार शाहकोट सीट से बचित्तर सिंह कोहर को प्रत्याशी के रूप में उतारा है. भाजपा और शिअद गठबंधन टूटने के बाद अब सियासी दांवपेंच का खेल चल रहा है. शिअद ने इस बार मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के साथ गठबंधन के तहत सभी 117 सीटों में से 20 सीट बसपा को सांझा उम्मीदवार के रूप में भी दे दी हैं.
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