पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल. (ANI Photo)
चंडीगढ़: पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने राज्य के किसानों के खिलाफ पराली जलाने के लिए दर्ज की गई ‘रेड एंट्री’ को वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस संबंध में रविवार को पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई. साथ ही पराली जलाने के मामले में राज्य के किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को भी वापस लेने का फैसला भगवंत मान सरकार ने किया है. इस सीजन में पराली जलाने को लेकर किसानों के खिलाफ 4300 रेड एंट्री दर्ज की गई थीं. इसका मतलब होता है कि किसानों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभ और सब्सिडी से वंचित करना. रेड एंट्री के मामलों को वापस लेने के लिए मान सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान काफी दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने किसानों के दबाव के बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी की.
Punjab’s Agriculture & Farmers welfare minister Kuldeep Singh Dhaliwal has issued orders to withdraw the ‘red entries’ ordered by the central government to the farmers of the state for stubble burning and a notification has been issued in this regard.
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— ANI (@ANI) November 28, 2022
पंजाब के राजस्व एवं पुनर्वास विभाग ने सभी डिप्टी कमिश्नरों और डिवीजन कमिश्नरों को भेजे गए पत्र में कहा है कि गत 4 अक्टूबर को हिदायत दी गई थी कि पराली जलाने के मामले में संबंधित खसरा नंबर के खिलाफ लाल सियाही से इंदराज (रेड एंट्री) कर दिया जाए. इस आदेश को अब वापस ले लिया गया है. गौरतलब है कि राज्य सरकार को अक्टूबर माह के दौरान उस समय कड़े कदम उठाने पड़े थे, जब विभिन्न जिलों में कई किसानों ने पराली न जलाने के आदेश की खुली अवहेलना की और खेतों में पराली को आग लगाना जारी रखा. सरकार ने पराली जलाने से पर्यावरण को हो रहे नुकसान का हवाला देते हुए अवेयरनेस कैम्पेन भी चलाए और सरकारी मदद का भरोसा भी दिया. लेकिन पराली जलाने की घटनाएं लगातार जारी रहीं.
आखिरकार सरकार के आदेश पर राजस्व एवं पुनर्वास विभाग ने ऐसे किसानों के भूमि रिकॉर्ड में रेड एंट्री करने के आदेश जारी कर दिया. किसानों के लिए इसका सबसे बड़ा नुकसान यह था कि वह न तो अपनी जमीन बेच सकते थे और न ही रेड एंट्री वाली जमीन पर कोई कर्ज ही ले सकते थे. राज्य सरकार ने इसके साथ ही किसानों पर जुर्माना भी लगाया था. इस साल पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले संगरूर जिले में दर्ज किए गए हैं, जबकि अन्य जिलों का रिकॉर्ड डिप्टी कमिश्नरों से तलब किया गया है0 संगरूर जिले में 201 किसानों पर 5,02,500 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही और उनकी जमीन के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई. आपको बता दें कि संगरूर मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला है, वह यहां से दो बार सांसद भी रह चुके हैं.
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