चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) में टिकट नहीं मिलने से नाराज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) के भाई ने बगावत कर दी है. डॉ मनोहर सिंह ने अब बस्सी पठाना विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. मनोहर सिंह ने टिकट काटे जाने के बाद कहा कि, “मैं बस्सी पठाना सीट का दावेदार था, लेकिन पार्टी (कांग्रेस) ने टिकट देने से इनकार कर दिया है. मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा, मैंने 2007 में भी यही किया था और चुनाव जीता था.”
पार्टी ने ‘वन फैमिली, वन टिकट’ के नियम का हवाला देते हुए डॉ मनोहर सिंह को मौका नहीं दिया. वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) से भी मनोहर सिंह को समर्थन नहीं मिला. सिद्धू ने इस सीट से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी की दावेदारी का समर्थन किया और पार्टी ने उन्हें ही अपना प्रत्याशी बनाया है.
डॉ मनोहर सिंह ने सीनियर मेडिकल ऑफिसर की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीतिक जीवन की शुरुआत करनी चाही थी लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. पार्टी के इस फैसले पर सीएम चन्नी ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. फतेहगढ़ साहिब जिले में आने वाली बस्सी पठाना सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह डॉ मनोहर सिंह से मिलेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. डॉ मनोहर सिंह को टिकट नहीं दिया जाने से यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि टिकट बंटवारे में सीएम चन्नी के बजाय नवजोत सिंह सिद्धू का दबदबा ज्यादा रहा है.
कुछ पंजाबी चैनलों के साथ बातचीत में डॉ मनोहर सिंह ने कहा कि, सीएम चन्नी ने मुझसे मेरे फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था लेकिन मनोहर सिंह ने बताया कि, रविवार सुबह मैं अपने भाई चरणजीत सिंह चन्नी से मिला और मैंने उनसे कहा कि मैं जनता की इच्छा के साथ जाना चाहता हूं और अगर वे चाहते हैं तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. मेरे ऊपर परिवार का कोई दबाव नहीं हैं, मैं यह फैसला जनता की इच्छा पर आधारित है.
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