नई दिल्ली. पंजाब में चुनाव (Punjab assembly elections) की तारीख बदलने से सभी दलों ने राहत की सांस ली है और इन्हें एक तरह से संजीवनी मिल गई है. इससे पहले पंजाब में चुनाव आयोग ने 14 फरवरी को चुनाव कराने का ऐलान किया था लेकिन 16 फरवरी को संत रविदास की जयंती मनाई जाती है. यह जयंती राज्य में जातीय समीकरण से जुड़ा हुआ है. जब राजनीतिक दलों को इस बात का आभास हुआ तो खलबली मच गई. सबसे पहले कांग्रेस ने चुनाव की तारीख (Elections date) को आगे बढ़ाने की अपील की. इसके बाद सभी दलों ने चुनाव आयोग से चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की गुहार लगाई. आखिरकार आयोग ने अब पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव कराने का फैसला किया है. इससे सभी दलों ने राहत की सांस ली है.
तो यह है मुख्य कारण
दरअसल पंजाब में संत रविदास की जयंती को व्यापक पैमाने पर मनाया जाता है. पंजाब में रविदास संप्रदाय की संख्या बहुत है. सबसे बड़ी बात यह है कि पंजाब की सभी जाति में इस संप्रदाय के लोग हैं. इस संप्रदाय को मानने वाले लोगों को रविदासी संप्रदाय कहते हैं. वर्तमान में पंजाब के 50 लाख लोगों को इस संप्रदाय का माना जाता है और इसकी संख्या में लगातार विस्तार हो रहा है. 16 फरवरी को संत रविदास की जयंती मनाई जाती है और इस दिन रविदासजी की जन्मस्थली काशी में बड़े पैमाने पर समारोह का आयोजन होता है. पंजाब में रविदासी संप्रदाय के अधिकांश लोग इस दिन वाराणसी जाते हैं. वे कुछ दिन पहले से वहां डेरा जमा देते हैं. यही कारण है कि इस संप्रदाय के 14 फरवरी को मतदान में भाग न लेने की आशंका को देखते हुए राजनीतिक दलों में खलबली मच गई थी. इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद सभी दलों ने चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की गुहार लगाना शुरू कर दिया.
दोआब क्षेत्र पर विशेष प्रभाव
मुख्यमंत्री चन्नी ने आयोग से गुहार लगाते हुए कहा था कि अगर 14 फरवरी को चुनाव होता है तो रविदासी इस दिन वोट नहीं डाल पाएंगे क्योंकि इस दिन अधिकांश लोग काशी चले जाएंगे. चन्नी की बात को ही भाजपा, अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने आयोग के सामने उठाया. रविदासी संप्रदाय का मुख्य रूप से पंजाब के दोआबा क्षेत्र में प्रभाव है, जहां राज्य की 23 विधानसभा सीटें शामिल हैं. इन सीटों पर अनुसूचित जातियों की आबादी 25 से 75 प्रतिशत तक है. इन सीटों पर कांग्रेस का सबसे ज्यादा ध्यान है. इसलिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दोआबा क्षेत्र में पार्टी सीएम चन्नी को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है.
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