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तुर्की में भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन समीक्षा में जुटा पंजाब, 12 जिले आते हैं उच्च जोखिम क्षेत्र में

तुर्की में आए भूकंप के बाद अब पंजाब प्रबंधन विभाग ने शुरू की समीक्षा. (एपी फाइल फोटो)

तुर्की में आए भूकंप के बाद अब पंजाब प्रबंधन विभाग ने शुरू की समीक्षा. (एपी फाइल फोटो)

Punjab: रिपोर्ट में राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पंजाब के पास राज्य और जिले ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

पंजाब के कई क्षेत्र आते हैं अति जोखिम भूकंप क्षेत्र में
पंजाब आपदा प्रबंधन विभाग ने शुरू की समीक्षा
अति जोखिम के 12 जिले चिह्नित

(एस. सिंह)

चंडीगढ़: तुर्की और सीरिया (Turkey-Syria Earthquake) में आए जबरदस्त भूकंप के बाद अब पंजाब (Punjab) ने आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा करने शुरू कर दी है. चूंकि पंजाब हिमाचल प्रदेश की उत्तरी सीमा के हाई सिस्मिक जोन V के करीब है. इसके अलावा राज्य का करीब आधा हिस्सा उच्च क्षति जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र (जोन IV) में आता है.

12 जिले उच्च क्षति जोन में
उच्च क्षति जोखिम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पंजाब के जिलों में अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, गुरदासपुर, पठानकोट, जालंधर, होशियारपुर, लुधियाना, नवांशहर, रोपड़, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब शामिल हैं. वहीं फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मोगा, मुक्तसर, बठिंडा, बरनाला, मनसा, संगरूर, मलेरकोटला और पटियाला मध्यम क्षति जोखिम क्षेत्र में हैं. पिछले रिकॉर्ड से पता चलता है कि पंजाब के कुछ हिस्सों में 4.0 से 5.0 की तीव्रता के भूकंप आए हैं और राज्य का अधिकांश क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में आता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र भी अमृतसर सहित देश के 12 शहरों में भूकंपीय माइक्रोजोनेशन कर रहा है. प्रोसेस्ड डेटा की व्याख्या के आधार पर इसकी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है.

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आपदा से निपटने के लिए विशिष्ट प्रबंधन योजनाएं
रिपोर्ट में राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पंजाब के पास राज्य और जिले के लिए विशिष्ट आपदा प्रबंधन योजनाएं हैं. इसमें प्रत्येक हितधारक की निश्चित जिम्मेदारी के साथ शमन और पुनर्प्राप्ति योजनाएं हैं. उन्होंने कहा कि हम चंडीगढ़ में महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पंजाब एडमिनिस्ट्रेशन (एमजीएसआईपीए) के माध्यम से प्रत्येक प्रकार की आपदा से निपटने के विवरण जोड़कर आपदा प्रबंधन योजना को संशोधित कर रहे हैं. पंचायती राज संस्थाओं और समाज के विभिन्न वर्गों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए प्रशिक्षण भी एमजीएसआईपीए में पूरे वर्ष बैचों में आयोजित किया जा रहा है. यह सुरक्षित भवनों के निर्माण को सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है. भूकंप के दौरान बड़ी क्षति से बचने के लिए विशेषज्ञ पंजीकृत संरचनात्मक इंजीनियरों की देखरेख में भवनों के निर्माण की सलाह देते हैं.
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क्या कहते है नगर योजनाकार
राज्य के मुख्य नगर योजनाकार पंकज बावा कहते हैं कि लोग पैसे बचाने के लिए अपनी इमारतों को विशेष संरचनात्मक इंजीनियरों से डिजाइन नहीं करवाते हैं. उन्होंने कहा कि हाउसिंग सोसाइटी या बिल्डरों को उनकी परियोजनाओं के लिए अनुमति देने से पहले हम पहले पंजीकृत स्ट्रक्चरल इंजीनियर के प्रमाण पत्र की जांच करते हैं कि इमारत को उनकी देखरेख में डिजाइन पूरा किया गया है. बावा ने कहा कि 2021 में पंजाब में भी यह अनिवार्य कर दिया कि 15 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई वाली किसी भी इमारत की निर्माण योजना को पूरा करने से पहले बिल्डर को किसी आईआईटी या अन्य निर्दिष्ट विशेषज्ञ द्वारा संरचना की जांच करवानी चाहिए. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि जनशक्ति की कमी के कारण सरकारी अधिकारियों के लिए प्रत्येक संरचना का स्थल निरीक्षण करना संभव नहीं है.

Tags: Earthquake, Natural Disaster, Punjab, Syria, Turkey

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