विभाग जारी करता रहा 24 हजार मृतकों का मुफ्त राशन, कई रसूखदार अमीरों ने भी बनवा लिए थे राशन कार्ड (सांकेतिक तस्वीर)
रिपोर्ट: एस. सिंह
चंडीगढ़: पंजाब में मुफ्त राशन के नाम पर लूट का मामला सामने आया है. राज्य में 24 हजार से ज्यादा मृत लोगों के नाम पर राशन जारी होता रहा. इसके अलावा कुछ रसूखदारों ने भी मुफ्त राशन हासिल करने के लिए जुगाड़ से अपने राशन कार्ड बनवा लिए थे. इनके राशन कार्ड अब जांच के बाद रद्द कर दिए गए हैं. ये ऐसे लोग थे, जिनके शहरों में अपने मकान थे और सालाना आय भी निर्धारित आय से कई गुना अधिक अधिक थी. बताया जा रहा है कि सरकार ने सभी जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों को जांच करने के आदेश दिए थे, जांच के बाद इस धांधली का खुलासा हुआ है.
तीन लाख से ज्यादा राशन कार्ड अवैध
जानकारी के मुताबिक, विभाग ने अब तक 40,68,887 की जांच की है, इनमें से 3,37,562 अवैध पाए गए हैं और 1,79,837 राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं. यहां उल्लेखनीय यह है कि कोरोना काल में सरकार ने मुफ्त राशन देने का ऐलान किया था, जिसके बाद जो लोग राशनकार्ड की योग्यता नहीं रखते थे, उन्होंने भी जुगाड़ लगाकर राशनकार्ड हासिल कर लिए थे. जांच के बाद अब विभाग ने 24 हजार मृतकों का नाम भी सूची से हटा दिया है.
4 फीसदी राशन कार्डों की जांच बाकी
विभागीय जानकारी के मुताबिक, राशन कार्डों की जांच अभी भी जारी है और सरकार ने लगभग 96 फीसदी राशन कार्डों की जांच कर ली है और शेष बचे करीब 4 फीसदी लोगों के राशन कार्ड जांचे जा रहे हैं. जांच में पाया गया कि कुछ लोगों के शहरों में 2 सौ से 1 हजार वर्ग फुट तक के अपने मकान बने हुए हैं, जो मुफ्त राश ग्रहण कर रहे थे. ऐसे लोगों का भी अब सूची से नाम हटा दिया गया है.
क्या कहते हैं खाद्य आपूर्ति मंत्री
उधर खाद्य आपूर्ति मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने राशन कार्ड बनाने में बरती गई अनियमितताओं को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब में बड़े पैमाने पर राशनकार्ड बनाने में हेराफेरी हुई है. कटारूचक्क ने इसके लिए पूर्व कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पूर्व बादल, कैप्टन और चन्नी सरकार में बड़े पैमाने पर रार्शनकार्ड बनाने में गड़बड़ी की गई.
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