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सिख कैदियों की रिहाई के मामले को UN में उठाएगी SGPC, बनाया सलाहकार बोर्ड

एसजीपीसी ने लंबे समय से कैद सिखों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने का फैसला किया. (News18)

एसजीपीसी ने लंबे समय से कैद सिखों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने का फैसला किया. (News18)

SGPC: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने देश की विभिन्न जेलों में लंबी सजा काट रहे 9 सिख कैदियों का मामला स ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

SGPC तीन दशकों से जेलों में बंद नौ बंदी सिखों रिहाई के मामले को संयुक्त राष्ट्र के सामने उठाएगी.
इसके लिए एक 13 सदस्यों वाले अंतर्राष्ट्रीय सिख सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया.
एसजीपीसी हर बंदी सिख को 20,000 रुपये मानदेय भी देगी.

एस. सिंह
चंडीगढ़. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) तीन दशकों से जेलों में बंद नौ बंदी सिखों रिहाई के मामले को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) के सामने उठाने का फैसला किया है. कार्यकारी समिति ने 13 सदस्यों वाले अंतर्राष्ट्रीय सिख सलाहकार बोर्ड का गठन किया. सलाहकार बोर्ड वैश्विक स्तर पर सिख मुद्दों पर काम करेगा और भविष्य में इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी. एसजीपीसी प्रत्येक बंदी सिख को 20,000 रुपये मानदेय भी देगी. ये फैसले एसजीपीसी की कार्यकारिणी समिति की बैठक के दौरान लिए गए हैं.

एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने जेलों में बंद सिखों के साथ हो रहे अन्याय पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि यह मानवाधिकारों का एक बड़ा उल्लंघन है. जिसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सिख बंदियों भाई गुरदीप सिंह खेड़ा, प्रो देविंदरपाल सिंह भुल्लर, भाई बलवंत सिंह राजोआना, भाई जगतार सिंह हवारा, भाई जगतार सिंह तारा, भाई लखविंदर सिंह लाखा, भाई गुरमीत सिंह, भाई शमशेर सिंह और भाई परमजीत सिंह भ्योरा को 20 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इनमें से राजोआना को यह मानदेय पहले से ही दिया जा रहा है. एसजीपीसी ने कहा है कि सिख कैदियों की रिहाई के मामले में सरकारों द्वारा अपनाई जा रही कथित भेदभावपूर्ण नीति की वह कड़ी निंदा करती है.

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उन्होंने कहा कि हत्या और बलात्कार के आरोप में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को संरक्षण देने के लिए सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करने का फैसला किया गया है. उन्होंने बार-बार डेरा प्रमुख को पैरोल दिए जाने पर सवाल उठाया है. हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि पैरोल मिलने की खुशी किरपान से केक काटकर राम रहीम ने सिखों की धार्मिक भावनाओं को को ठेस पहुंचाई है. किरपान को सिख धर्म आस्था से जुड़ा चिह्न माना जाता है और इसका अपमान सहन नहीं किया जा सकता.

Tags: Punjab news, Sikh, Sikh Community, United nations

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