संत बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शन करने पहुंचे सुखबीर बादल, कल होगा अंतिम संस्कार

संत बाबा राम सिंह.
Farmers Protest: संत बाबा राम सिंह (Saint Baba Ram Singh) के अंतिम दर्शन के लिए करनाल के सिगड़ा में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है. वहीं, धरना स्थल पर मौजूद कई किसानों ने भी करनाल जाना शुरू कर दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 17, 2020, 1:37 PM IST
चंडीगढ़. किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थन में बुधवार को संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली थी. उनका पोस्टमॉर्टम पहले ही हो चुका है. शुक्रवार को बाबा राम सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है. इसी भीड़ में अकाली दल (akali Dal) के नेता सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) भी शामिल हैं. उन्होंने गुरुवार सुबह पहुंचकर बाबा राम के अंतिम दर्शन करने पुहंचे. खास बात है कि दिल्ली की सरहदों पर डटे किसानों को नए कृषि कानूनों के खिलाफ नाराजगी जताते हुए करीब तीन हफ्ते हो चुके हैं.
संत बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए करनाल के सिगड़ा में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है. वहीं, धरना स्थल पर मौजूद कई किसानों ने भी करनाल जाना शुरू कर दिया है. सरकार के साथ किसानों की तरफ से चर्चा में शामिल हुए गुरनाम सिंह ने न्यूज चैनल आज तक को बताया कि बाबा राम सिंह किसानों के इस तरह बैठने से काफी दुखी थे. वह कहते थे कि यह कसाई सरकार है. कल बाबाजी ने कुर्बानी दे दी.
किसान आंदोलन से जुड़े लाइव अपडेट्स जानने के लिए यहां क्लिक करें
ऐसा रहा जीवनसिंगड़ा के इस गुरुद्वारे में कभी सेवादारा रहे महल सिंह भी यहां पहुंचे हैं. सिंह बताते हैं कि बाबा राम सिंह को उनके माता-पिता ने गुरुद्वारे में दान दे दिया था. उस समय बाबा की उम्र 21 दिन की थी. वह बताते हैं कि बाबा के अनुयायी कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में हैं. बताया जाता है कि बाबा राम सिंह ने किसान आंदोलन के लिए 5 लाख रुपए दिए थे. हालांकि, महल सिंह कहते हैं कि बाबा के पास लाइसेंसी बंदूक होने की उन्हें जानकारी नहीं है. खास बात है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की साजिश होने से भी इंकार करते हैं. महल सिंह के मुताबिक, यह कुर्बानी है.

किसान आंदोलन के मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस दौरान दिल्ली की सरहदों पर हो रहे किसानों के प्रदर्शनों को लेकर बात की जाएगी. सितंबर में सामने आए नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के हैं. किसान सरकार की तरफ से मिले संशोधन के प्रस्ताव को भी ठुकरा चुके हैं. वे लगातार कानून वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.
संत बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए करनाल के सिगड़ा में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है. वहीं, धरना स्थल पर मौजूद कई किसानों ने भी करनाल जाना शुरू कर दिया है. सरकार के साथ किसानों की तरफ से चर्चा में शामिल हुए गुरनाम सिंह ने न्यूज चैनल आज तक को बताया कि बाबा राम सिंह किसानों के इस तरह बैठने से काफी दुखी थे. वह कहते थे कि यह कसाई सरकार है. कल बाबाजी ने कुर्बानी दे दी.
किसान आंदोलन से जुड़े लाइव अपडेट्स जानने के लिए यहां क्लिक करें
ऐसा रहा जीवनसिंगड़ा के इस गुरुद्वारे में कभी सेवादारा रहे महल सिंह भी यहां पहुंचे हैं. सिंह बताते हैं कि बाबा राम सिंह को उनके माता-पिता ने गुरुद्वारे में दान दे दिया था. उस समय बाबा की उम्र 21 दिन की थी. वह बताते हैं कि बाबा के अनुयायी कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में हैं. बताया जाता है कि बाबा राम सिंह ने किसान आंदोलन के लिए 5 लाख रुपए दिए थे. हालांकि, महल सिंह कहते हैं कि बाबा के पास लाइसेंसी बंदूक होने की उन्हें जानकारी नहीं है. खास बात है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की साजिश होने से भी इंकार करते हैं. महल सिंह के मुताबिक, यह कुर्बानी है.
किसान आंदोलन के मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस दौरान दिल्ली की सरहदों पर हो रहे किसानों के प्रदर्शनों को लेकर बात की जाएगी. सितंबर में सामने आए नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के हैं. किसान सरकार की तरफ से मिले संशोधन के प्रस्ताव को भी ठुकरा चुके हैं. वे लगातार कानून वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.