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Kota News: कोचिंग से कोटा के लाखों लोगोंं को मिलता है रोजगार, हर छात्र करता है 2 लाख रुपये खर्च

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अप्रैल-मई

अप्रैल-मई के महीने में होते हैं एडमिशन जिसके बाद शुरू हो जाती है बच्चों की क्लास

Kota News: कोटा में करीब 1 लाख से अधिक परिवार सीधे तौर पर कोचिंग पर निर्भर है. तो वहीं 50 हजार परिवार ऐसे हैं जो अप्रत् ...अधिक पढ़ें

शक्ति सिंह
कोटा. राजस्थान का कोटा शहर जो देश ही नहीं दुनिया में पहचान बना चुका है. एजुकेशन सिटी, शिक्षा की काशी के रूप में विख्यात शहर जहां देश और दुनिया के बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग करने आते हैं. कोटा में दो से तीन लाख स्टूडेंट कोचिंग करते हैं. कोटा में पढ़ाई का बेहतर माहौल और स्टूडेंट फ्रेंडली एनवायरमेंट मिलता है. इंजीनियरिंग और मेडिकल में कोटा के आगे आज देश का कोई दूसरा शहर खड़ा नहीं हो रहा. कोटा में छोटी और बड़ी कोचिंग लगभग 2 दर्जन है. यहां की पूरी इकॉनोमी कोचिंग और स्टूडेंट पर टिकी है. इनकी वजह से ही यहां के 1.50 लाख लोगों को रोजगार मिलता है.

एक छात्र पर सालाना होता है दो लाख का खर्चा
कोटा शहर की अर्थव्यवस्था यहां के स्टूडेंट और कोचिंग पर निर्भर है. कोटा में अधिकांश बच्चे बाहर के देश के अलग-अलग प्रांत के आए हुए हैं. जो 2 से 3 साल तक यहां रह कर पढ़ाई कर अपना कैरियर का सपना पूरा करते हैं. ऐसे में कोटा की अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु भी यह स्टूडेंट हैं. एक स्टूडेंट का प्रतिवर्ष तकरीबन 200000 रुपये खर्च होता है. जिसमें उसकी पढ़ाई और सामान्य स्तर का रहन-सहन शामिल है. एक स्टूडेंट कोचिंग हॉस्टल में लॉन्ड्री, स्टेशनरी, फ्रूट, नाश्ता, बुक, मोबाइल, खेलकूद हर तरह की सुविधा का उपयोग करता है. जिससे कई परिवारों की आजीविका चलती है.

ढाई लाख से ज्यादा स्टूडेंट रहते हैं यहां
कोटा में करीब 1 लाख से अधिक परिवार सीधे तौर पर कोचिंग पर निर्भर है. तो वहीं 50 हजार परिवार ऐसे हैं जो अप्रत्यक्ष रूप में कोचिंग पर निर्भर हैं. 14 लाख की आबादी वाला शहर कोटा पिछले 5 सालों से लगातार स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है. किसी समय यह स्टूडेंट 20 हजार हुआ करते थे. जो 10 से 20% के लगातार इजाफे के साथ पिछले 7 से 8 वर्षों में बढ़ते हुए 2.50 लाख से अधिक तक पहुंच गए हैं. कोटा के कोचिंग संस्थानों का दावा है कि 2028 तक कोटा में 5 लाख से अधिक स्टूडेंट होंगे. कोटा की अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत होगी.

ल​ड़कियों के लिए यहां है अच्छा माहौल
छात्राओं की बात की जाए तो देश भर की बेटियां भी कम नहीं है. कोटा में लगभग 50 हजार छात्राएं इंजीनियरिंग व मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. मेडिकल में 40% छात्राएं हैं तो इंजीनियरिंग में 20% छात्राएं. इन छात्राओं के लिए कोटा में अलग-अलग क्लासेस के साथ-साथ गर्ल्स हॉस्टल गर्ल्स मैच भी उपलब्ध है. कोटा गर्ल्स सेफ है यहां गर्ल्स आजादी से घूम सकती है. बेहतर कंपटीशन के चलते यहां छात्राएं टॉप रैंकर्स की बन रही है. गत वर्ष कोटा की छात्रा निशिता पुरोहित ने ऑल इंडिया एम्स फर्स्ट रैंक प्राप्त की. अभिभावक कश्मीर से कन्याकुमारी तक की छात्राओं को यह भेज रहे हैं.

कोटा इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग फीस 70 हजार रुपए से शुरू है. जोकि डेढ़ लाख रुपए तक लगती है वही स्कॉलरशिप भी दी जाती है. आर्मी पुलिस के बच्चों को यह छूट भी दी जाती है. वहीं कई कोचिंग संस्थान ऐसे भी हैं जो निर्धन गरीब असहाय बच्चों को पढ़ाते हैं और खुद उनका खर्चा उठाते हैं. जिन बच्चों को पढ़ने की ललक होती है उनका खर्चा कोचिंग संस्थान की उठाते हैं.

Tags: Kota news, Rajasthan news

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