कोर्ट के स्थान पर जेल में ही सुनवाई की व्यवस्था के विरोध में हाईकोर्ट पहुंचे आसाराम को बुधवार को निराशा हाथ लगी.
राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की याचिका को खारिज कर दिया है. अब आसाराम प्रकरण में सुरक्षा कारणों के चलते सेशन न्यायालय के स्थान पर सुनवाई केन्द्रीय कारागृह के कोर्ट रूम में ही होगी.
राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों के बाद जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में शुरू हुई आसाराम मामले की सुनवाई पहले दिन ही टल गई. जोधपुर जिला सेशन न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास नियत समय पर लंच बाद कोर्ट से सुनवाई करने के लिए पहुंचे. कारागार में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता, पीडि़ता के अधिवक्ता और अनुसंधान अधिकारी एएसपी चंचल मिश्रा पहुंचे, लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे. अनुसंधान अधिकारी से बचाव पक्ष को जिरह करनी थी, लेकिन अधिवक्ताओं के नहीं आने से सुनवाई टाल दी गई.
नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में सलाखों के पीछे बंद आसाराम के चाहने वालों की कमी नही है. जब-जब आसाराम को सुनवाई के लिए कोर्ट मे पेश किया जाता रहा है तब-तब पुलिस को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. आसाराम समर्थक कोर्ट परिसर और उसके बाद जमावड़ा लगा लेते है जिससे भारी अव्यवस्थाएं फैल जाती है. कई बार तो नौबत लाठीचार्ज तक आ जाती है.
आसाराम यौन उत्पीड़न मामले में अब तक हुई सुनवाई के खर्चे पर नजर डाली जाए तो यह खर्चा 6 करोड़ के ऊपर बैठता है. आसाराम की प्रत्येक पेशी पर लगभग 2 लाख रुपए का खर्चा आता है. अब तक आसाराम केस की 300 पेशियां हो चुकी है. इस प्रकार आसाराम पर अब तक 6 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा चुके है.
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FIRST PUBLISHED : August 06, 2015, 10:34 IST