अलवर. राजस्थान में बैंकों का कर्ज (Bank loans) नहीं चुका पा रहे किसानों (Farmers) की जमीनों को कुर्क और नीलाम (Lands attached and auctioned) किये किये जाने का सिलसिला तेज होता जा रहा है. पहले अलवर में 6 किसानों की खेत नीलाम किये गये. उसके बाद बुधवार को दौसा जिले में एक किसान की जमीन नीलाम की गई. यह दीगर बात है कि दोनों नीलामी प्रक्रिया बाद में राजनीतिक दबाव में कैंसिल कर दी गई. अब एक बार फिर से अलवर जिले में कर्ज में डूबे 11 किसानों की जमीन की कुर्क करने के आदेश जारी किये गया, लेकिन बवाल मचने की संभावना को देखते हुये उन्हें कुर्की की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से कैंसिल कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार अलवर के रैणी उपखंड अधिकारी की ओर से इलाके के 5 गांवों के 11 किसानों की जमीनें कुर्क किये जाने का आदेश जारी किया गया था. ये किसान बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के डिफाल्टर हैं. इनमें ओमप्रकाश मीणा निवासी बहडको, बरफी और पूनी मीणा निवासी परवेणी, सोनी मीणा, कृपाल व कमलेश निवासी चांदपुर, सांवरिया निवासी रैणी, लक्ष्मण, शांति, रमेश बैरवा और मोतीलाल निवासी नांगल बास शामिल हैं.
एसडीएम बोले अपरिहार्य कारणों के चलते कार्रवाई निरस्त की गई है
इनकी जमीन को कुर्क करने का इश्तिहार आज ही जारी कर दिया गया था. लेकिन अलवर प्रशासन ने पहले खुद के अनुभव और बाद में दौसा में किसान की जमीन की नीलामी से मचे बवंडर को देखते हुये अपने आदेश वापस ले लिये. रैणी उपखंड अधिकारी अनिल बंसल ने कहा बैंकों का लोन जमा कराने पर कुर्की की प्रक्रिया रुक जाती है. उन्होंने कहा यह रूटीन प्रक्रिया है. अन्य बैंकों के भी कुर्की की फाइल आती रहती है. उपखंड अधिकारी अनिल बंसल ने कहा अपरिहार्य कारणों के चलते कुर्की की कार्रवाई निरस्त की गई है.
अलवर में हाल ही में 6 किसानों की जमीनें नीलाम की गई थी
उल्लेखनीय है कि अलवर में पिछले दिनों भी 6 किसानों की जमीनें नीलाम की थी. लेकिन बाद में इस नीलामी प्रक्रिया को कैंसिल कर दिया गया था क्योंकि बीजेपी ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिये थे. केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर इस मामले में सत्तारुढ़ अशोक गहलोत सरकार पर कर्ज माफी के वादे के बाद किसानों की जमीनें नीलाम करने के मसले पर निशाना साधा था.
दौसा को सुबह जमीन नीलाम, शाम को प्रक्रिया कैंसिल की
वहीं उसके बाद बुधवार को दौसा के रामगढ़ पचवारा इलाके के जामुन की ढाणी निवासी कजोड़ मीणा की 15 बीघा 2 बीस्वा जमीन को नीलाम कर दिया गया था. कजोड़ मीणा पर बैंक का सात लाख से ज्यादा का कर्जा था. लेकिन नीलामी की इस प्रक्रिया के बाद राजनीति गरमा गई और मामला तूल पकड़ गया. किसान नेता राकेश टिकैत और बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा दौसा पहुंच गये. दिनभर चले इस घटनाक्रम के बाद अंतत: बुधवार शाम होते-होते इस नीलामी प्रक्रिया को भी कैंसिल कर दिया गया था.
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