रिपोर्ट : पीयूष पाठक
अलवर. शहर की पहाड़ी पर स्थित करणी माता मंदिर का लक्खी मेला शुरू हो गया है. पहले ही दिन करणी माता मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ पहुंची. करणी माता का मंदिर सरिस्का के बफर रेंज में आता है, जिसमें बीते कई दिनों से बाघ एसटी 19 व उसके दो शावक लगातार देखे जा रहे थे. साथ ही मेला शुरू होने के पहले दिन भी बाघ एसटी 19 के शावक दिखाई दिए. दूसरे दिन भी बाघ करणी माता मंदिर में जानेवाले रास्ते पर पानी पीते हुए दिखाई दिए. इसकी सूचना मिलते ही सरिस्का के वनकर्मी तत्काल मौके पर पहुंचे और जायजा लिया. वनकर्मियों ने बताया कि करणी माता जानेवाले रास्ते पर बाघ पगमार्क मिले हैं. इससे सुबह मंदिर जानेवाले गेट को करीब 15 मिनट बंद करना पड़ा. सरिस्का प्रशासन की ओर से भक्तों को सतर्क रहने को कहा गया.
गुरुवार को सुबह प्रतापबंध से करणी माता व बाला किले की तरफ जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर अचानक एस टी 19 के शावकों को देखा गया. जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम ने करणी माता मंदिर जाने वाले गेट को बंद कर दिया. शावक सड़क के किनारे बने हुए वाटर होल पर पानी पीते दिखाई दिए. सुबह कुछ समय मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को गेट पर रोका गया. कुछ समय भक्तों की आवाजाही पर रोक लगाई.बाघों का मूवमेंट जंगल की तरफ होने की सूचना मिलने पर ही गेट को खोला, और भक्तों को सतर्क रहते हुए जाने को कहा गया.
मंदिर में जानेवाले लोगों को जब यह पता चला कि इस रास्ते पर शावक अभी कुछ समय पहले दिखाई दिए तो लोगों में डर भी दिखाई दिया. साथ ही प्रशासन ने भक्तों से अपील की कि रास्ते में जाते समय कहीं न रुके और देर शाम तक मंदिर में न रुके.
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