रिपोर्ट: पीयूष पाठक
अलवर. वैसे तो अलवर शहर में सैकड़ों दुकानों पर रसगुल्ले बनाए और बेचे जाते हैं. लेकिन, शहर के त्रिपोलिया बाजार स्थित प्यारेलाल के रसगुल्लों के सामने हर रसगुल्ले का स्वाद फीका लगता है. वर्ष 1948 से इस दुकान पर रसगुल्ले बनाए और बेचे जा रहे हैं. यहां के रसगुल्लों का स्वाद महानायक अमिताभ बच्चन ने भी लिया है. यही नहीं अलवर आने वाली मशहूर हस्तियां अपने साथ प्यारेलाल के रसगुल्ले जरूर लेकर जाती हैं. एक बार जो यहां के रसगुल्ले खा लेता है, इनका दीवाना हो जाता है.
दुकान का संचालन करने वाले चेतन ने बताया यहां रसगुल्ले बनाने के लिए गाय के दूध से बने छेने का ही इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनकी दुकान पर 70 साल से भी अधिक समय से रसगुल्ले बनाए जा रहे हैं. चेतन का दावा है कि गाय का दूध नहीं मिला तो रसगुल्ले नहीं बनाएंगे. हालांकि, ऐसा कभी हुआ नहीं. त्योहार व अन्य अवसरों पर इस दुकान के रसगुल्लों की इतनी डिमांड रहती है कि कभी-कभी रसगुल्ले कम पड़ जाते हैं.
चेतन ने बताया एक दिन में करीब 80 से 85 किलो रसगुल्ले की डिमांड रहती है. प्यारेलाल के रसगुल्लों का स्वाद व गुणवत्ता सदैव एक जैसी ही रहती है. चेतन के मुताबिक उनकी दुकान पर 220 रुपये प्रति किलो के हिसाब से रसगुल्ले बेचे जाते हैं. दुकान सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक खुलती है. उनके यहां दो तरह के रसगुल्ले बनाने के दो हलवाई हैं, जो पिछले 40 सालों से उनकी ही दुकान पर काम करते हैं. रसगुल्लों को बनाने में करीब 7 से 8 घंटे का समय लगता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह यहां के रसगुल्लों के शौकीन हैं.
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