रिपोर्ट – पीयूष पाठक
अलवर. हिमाचल प्रदेश के शिमला का नाम तो आपने सुना ही है, हो सकता है आप वहां छुट्टियां मनाने भी गए हों. लेकिन, अलवर के अंदर भी एक शिमला है! हिमाचल का शिमला जहां पहाड़ पर बसा है तो वहीं अलवर का शिमला ठीक उसके उलट ज़मीन के 25 फीट नीचे. दरअसल, रियासतकाल में तेज गर्मी से बचने के लिए उस समय अलवर के राजा मंगलसिंह सन 1885 में अलवर के कंपनी बाग में शिमला का निर्माण कराया था. वह यहां गर्मियों मेंं दोपहर का समय बिताने आते थे. कई प्रजातियों के फूलों व पेड़ों से घिरा यह स्थान जून की तपती गर्मी में काफी ठंडा रहता है. एक गार्डन के रूप में डवलप किए गए शिमला की लम्बाई 380 फीट व चौड़ाई 288 फीट है.
इस अनूठे स्थान का नाम शिमला रखने का कारण यह रहा कि यहां जून की भीषण गर्मी में भी लोगों को शिमला जैसी ठंडक का अहसास होता है. यहां पत्थर पर बनी धूप घड़ी (कम्पास) सूर्य की रोशनी से समय की सटीक जानकारी मिलती है. कम्पनी बाग से शिमला तक जाने के लिए चारों ओर सीढ़ियां बनी हैं.
कंपनी बाग विकास समिति अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने बताया कंपनी बाग में करीब 10,000 छोटे-बड़े पेड़ हैं. यहां कर्मचारी इनकी देखभाल करते हैं. सौरभ ने बताया जिस जगह कंपनी बाग बना है वह जगह राजपरिवार की है. पूरा कंपनी बाग करीब 44 बीघा में बना हुआ है. कंपनी बाग को महाराजा जयसिंह ने बनवाया था. पूर्व राजपरिवार के समय विकसित कंपनी गार्डन अनेक खूबियां लिये हुए है. पार्क की बनावट ऐसी है कि सर्दियों में धूप खिलती है और गर्मियों में छांव मिलती है. इस मौसम में दोपहर के समय यहां शहर के बुजुर्ग अच्छी संख्या में दिखते हैं.
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Tags: Alwar News, Shimla