रिपोर्ट – पीयूष पाठक
अलवर. अंडे से ऑमलेट, हाफ फ्राई या भुर्जी तो बनती ही है. अंडा करी के भी खासे जलवे हैं, तो उबले अंडे को नॉन वेज बिरयानी में डालकर भी सर्व किया जाता है. अब तो सालों से अंडा डोसा तक बिक रहा है. ग्रीन सलाद में भी अंडे का प्रचलन बढ़ रहा है. वैसे तो अंडा हर कहीं पर आसानी मिल जाता है. लेकिन, अलवर में एक ऐसी गली है, जहां थोक में अंडे बेचे जाते हैं. इस गली का नाम ही अंडे वाली गली है. यहां करीब पचास सालों से अंडे की थोक की दुकानें हैं.
दिल्ली व अजमेर से लाने पड़ते थे अंडे
अंडे वाली गली में लालजी एग सेंटर के कपिल ने बताया कि उनकी दुकान पर 50 साल से अंडे बेचे जा रहे हैं. शुरुआत में अंडों का काम करने में बहुत सी कठिनाई आई. शुरुआत में दस-दस अंडों की ट्रे भी उन्हें अजमेर व दिल्ली से ट्रेन से लानी पड़ती थी.
पहले के समय में लोगों को लगता था कि अंडा नॉनवेज के रूप में काम लिया जाता है. लेकिन, धीरे-धीरे लोगों की मानसिकता बदली और अब अधिकतर लोग अंडे खाते हैं. उन्होंने बताया कि पहले अंडे की इतनी डिमांड नहीं होती थी. लेकिन, अब काफी डिमांड है. सर्दियों में उनकी दुकान पर एक दिन में अंडों की दस हजार ट्रे भी बिक जाती हैं.
मौसम के अनुसार होता है रेट में बदलाव
गर्मियों में अंडों की बात पर कपिल ने कहा कि गर्मियों में अंडे की रेट 3 से 4 होलसेल रेट होती है. सर्दियों में इसकी रेट करीब 5 से 6 प्रति अंडा हो जाता है. अंडों के कारोबार में भी रेट सीमित नहीं है. कई बार अंडों की रेट डिमांड के ऊपर पर निर्भर करती है. अंडों की मार्जिन की बात करें तो करीब 2 से 3 रुपए प्रति अंडे का दुकानदार को मार्जिन मिलता है. आमतौर पर अंडों की एक ट्रे 120 से लेकर 180 तक में मिलती है.
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