Live Assembly Election Result 2018: ‘ये बदलाव का वक्त है, बीजेपी को सतर्क रहने की जरूरत’

राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी
Live assembly Election Result 2018, राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने कहा, इस जीत के बाद राहुल गांधी को लेकर लोगों की धारणा बदलेगी, कांग्रेसियों में आत्मविश्वास पैदा होगा
- News18Hindi
- Last Updated: December 11, 2018, 4:11 PM IST
तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत पर राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने कहा है कि देश की भावी राजनीति के लिए ये नतीजे बहुत महत्वपूर्ण हैं. एक समय ऐसा आ गया था जब लग रहा था कि कांग्रेस बिल्कुल खत्म हो गई है. निष्क्रिय हो गई है. ऐसे में कांग्रेस मुक्त भारत का नारा भी जोर पकड़ रहा था. लेकिन आज के परिणाम बता रहे हैं कि एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस ने सीधे मुकाबले में बीजेपी को हराया है. इससे कांग्रेसियों में एक आत्मविश्वास पैदा हुआ है. उसके सहयोगी भी दूर से देख रहे हैं कांग्रेस अपने बूते पर भाजपा को हरा सकती है. ये बदलाव का वक्त है. ये बदलाव राज्यों में ही नहीं, केंद्र में भी आ सकता है. इसलिए बीजेपी को सतर्क रहने की जरूरत है. (ये भी पढ़ें: Live Assembly Elections Result 2018: 2019 के लोकसभा चुनाव पर असर डालेंगे पांच राज्यों के इलेक्शन रिजल्ट!)
न्यूज 18 हिंदी के न्यूज एडिटर रवि दुबे के साथ फेसबुक लाइव में किदवई ने कहा कि कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ का रोल महत्वपूर्ण रहेगा. क्योंकि वहां बीजेपी का बड़ा नेता बुरी तरह से परास्त हो गया. ये बीजेपी के लिए गंभीर चिंता की बात है. बीजेपी को चिंतन करने की जरूरत है. अजीत जोगी के जाने से कांग्रेस को फायदा हुआ है. जोगी की वजह से कांग्रेस में डर का माहौल बना रहता था.
अब राहुल गांधी को लेकर लोगों की धारणा बदलेगी: किदवई
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सभी महत्वपूर्ण लोग चुनाव में उतरे. टीम की तरह चुनाव लड़ा, जिसका परिणाम दिख रहा है. एमपी में देखिए कि कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय का काफी तालमेल रहा. राजस्थान में थोड़ा भ्रम की स्थिति रही. वहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट में रस्साकशी रही. इससे कांग्रेस को अपेक्षाकृत कम सीटें मिलीं. मुझे लग रहा था कि कांग्रेस को 120 सीटें आएंगी.ये भी पढ़ें: Live Assembly Elections Result 2018: तीन राज्यों के परिणाम से बदलने लगे क्षेत्रीय पार्टियों के सुर, कांग्रेस की स्वीकार्यता बढ़ी!
एमपी में किसने बेहतर चुनाव लड़ा? इस सवाल के जवाब में किदवई ने कहा, कांग्रेस को पूरे नंबर मिलने चाहिए. शिवराज सिंह चौहान ने पूरी ताकत लगा दी थी. दूसरी ओर कमलनाथ ने बड़े ही पेशेवर तरीके से चुनाव लड़ा. सरकारी कर्मचारियों के गुस्से को भुनाया. हालांकि ओबीसी वर्ग शिवराज सिंह के साथ खड़ा रहा. लेकिन अपर कास्ट और दलितों से बीजेपी को नुकसान हुआ. इसकी वजह एसएसी/एसटी एक्ट था. पार्टी न सवर्णों को खुश कर पाई और न ही एससी वर्ग को. राजस्थान के परिणाम बता रहे हैं कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 20 सीटें तक मिल सकती हैं. ऐसा हुआ तो बीजेपी के लिए मुश्किल होगी.
बात करें तेलंगाना की तो यहां के परिणाम से कांग्रेस के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू को भी झटका लगा है. हालांकि तीन राज्यों के परिणाम से लोग अब राहुल गांधी को गंभीरता से लेंगे. वे आज के ही दिन साल भर पहले पार्टी के अध्यक्ष बने थे. उन्होंने साल भर में 82 सभाएं कीं. नरेंद्र मोदी को टक्कर देकर जीत लेना शेर के मुंह से निवाला छीनने जैसा है. अब राहुल गांधी को देखने का लोगों का नजरिया बदलेगा. कांग्रेस की बारगेनिंग पावर बढ़ेगी.
ये भी पढ़ें: Live Rajasthan Election Result 2018: रुझानों में कांग्रेस को बहुमत, अशोक गहलोत, सचिन पायलट में से कौन बनेगा राजस्थान का सीएम, खींचतान शुरू!
किदवई ने कहा, मुझे लगता है कि बीजेपी यदि मुगालते से बाहर निकली और व्यवहारिक दृष्टिकोण से चुनाव लड़ी तो उसके लिए बेहतर रहेगा. जिस एज ग्रुप को आप टारगेट करते हैं उसको वो चीजें मिलें यह सुनिश्चित करना होगा. समाज में सुकून का माहौल हो. नाम बदलने से काम नहीं चलेगा. लोग काम चाहते हैं. जो झगड़े चल रहे हैं आरबीआई से और सीबीआई में...उनका एक समुचित हल खोजना होगा. वरना ये बदलाव का वक्त है.
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Elections Results / राजस्थान इलेक्शन रिजल्ट / राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम 2018, madhya pradesh Election Result 2018, मध्य प्रदेश चुनाव परिणाम 2018
न्यूज 18 हिंदी के न्यूज एडिटर रवि दुबे के साथ फेसबुक लाइव में किदवई ने कहा कि कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ का रोल महत्वपूर्ण रहेगा. क्योंकि वहां बीजेपी का बड़ा नेता बुरी तरह से परास्त हो गया. ये बीजेपी के लिए गंभीर चिंता की बात है. बीजेपी को चिंतन करने की जरूरत है. अजीत जोगी के जाने से कांग्रेस को फायदा हुआ है. जोगी की वजह से कांग्रेस में डर का माहौल बना रहता था.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सभी महत्वपूर्ण लोग चुनाव में उतरे. टीम की तरह चुनाव लड़ा, जिसका परिणाम दिख रहा है. एमपी में देखिए कि कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय का काफी तालमेल रहा. राजस्थान में थोड़ा भ्रम की स्थिति रही. वहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट में रस्साकशी रही. इससे कांग्रेस को अपेक्षाकृत कम सीटें मिलीं. मुझे लग रहा था कि कांग्रेस को 120 सीटें आएंगी.ये भी पढ़ें: Live Assembly Elections Result 2018: तीन राज्यों के परिणाम से बदलने लगे क्षेत्रीय पार्टियों के सुर, कांग्रेस की स्वीकार्यता बढ़ी!
एमपी में किसने बेहतर चुनाव लड़ा? इस सवाल के जवाब में किदवई ने कहा, कांग्रेस को पूरे नंबर मिलने चाहिए. शिवराज सिंह चौहान ने पूरी ताकत लगा दी थी. दूसरी ओर कमलनाथ ने बड़े ही पेशेवर तरीके से चुनाव लड़ा. सरकारी कर्मचारियों के गुस्से को भुनाया. हालांकि ओबीसी वर्ग शिवराज सिंह के साथ खड़ा रहा. लेकिन अपर कास्ट और दलितों से बीजेपी को नुकसान हुआ. इसकी वजह एसएसी/एसटी एक्ट था. पार्टी न सवर्णों को खुश कर पाई और न ही एससी वर्ग को. राजस्थान के परिणाम बता रहे हैं कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 20 सीटें तक मिल सकती हैं. ऐसा हुआ तो बीजेपी के लिए मुश्किल होगी.
बात करें तेलंगाना की तो यहां के परिणाम से कांग्रेस के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू को भी झटका लगा है. हालांकि तीन राज्यों के परिणाम से लोग अब राहुल गांधी को गंभीरता से लेंगे. वे आज के ही दिन साल भर पहले पार्टी के अध्यक्ष बने थे. उन्होंने साल भर में 82 सभाएं कीं. नरेंद्र मोदी को टक्कर देकर जीत लेना शेर के मुंह से निवाला छीनने जैसा है. अब राहुल गांधी को देखने का लोगों का नजरिया बदलेगा. कांग्रेस की बारगेनिंग पावर बढ़ेगी.
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किदवई ने कहा, मुझे लगता है कि बीजेपी यदि मुगालते से बाहर निकली और व्यवहारिक दृष्टिकोण से चुनाव लड़ी तो उसके लिए बेहतर रहेगा. जिस एज ग्रुप को आप टारगेट करते हैं उसको वो चीजें मिलें यह सुनिश्चित करना होगा. समाज में सुकून का माहौल हो. नाम बदलने से काम नहीं चलेगा. लोग काम चाहते हैं. जो झगड़े चल रहे हैं आरबीआई से और सीबीआई में...उनका एक समुचित हल खोजना होगा. वरना ये बदलाव का वक्त है.
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